किन्नोर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दिवाली मनाने आईटीबीपी, आर्मी और डोगरा रेजीमेंट्स के जवानों के बीच हिमाचल प्रदेश के किन्नौर पहुंचे। यहां उन्होंने जवानों से मुलाकात की। मिठाई खिलाई। मोदी का ये दौरा पहले से ही तय था।
जवानों से मुलाकात के बाद उन्होंने काफिला रुकवाकर अचानक यहां के सुमड़ो के चांगो गांव में लोगों से मिले और लोगों को दिवाली की बधाई दी। बता दें कि ये तीसरी बार है जब मोदी, जवानों के बीच दिवाली मनाने पहुंचे हैं।
पीएम मोदी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल भी हैं। सूत्रों ने कहा प्रधानमंत्री बद्रीनाथ धाम भी जाएंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि पूरा देश इस समय जहां खुशी के रंग में सराबोर है, वहां सेना के जवान विपरीत परिस्थियों से जूझते हुए देश की सेवा में लगे हैं।
पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ऐसे मौके पर भी विशेष तौर पर सवा सौ करोड़ भारतवासियों के प्रधान सेवक होने के नाते सेना के साथ अपनी खुशी को साझा करना नहीं भूलते।
प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी की यह तीसरी दीवाली हैं। इससे पहले दो साल भी प्रधानमंत्री ने सैनिकों के बीच रहकर ही दिवाली मनाई थी।
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी 2014 में अपनी पहली दीवाली पर अचानक सियाचिन पहुंच गए थे, जिसने पूरे देश के साथ सैनिकों को भी अचंभित कर दिया था।
सियाचिन में सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि देश के लोग आनंद और उत्साह के साथ दिवाली मना सकें, इसलिए आप यहां परिवार से दूर इन बर्फीली पहाडि़यों के बीच, श्वेत चादर के बीच, जहां न कोई दीया जलाने की संभावना है, ऐसी दुर्गम परिस्थिति में अपनी जिंदगी देशवासियों की खुशी के लिए न्योछावर कर रहे हैं।
वहीं 2015 में अपनी दूसरी दीवाली भी प्रधानमंत्री ने सैनिकों के साथ मनाई। प्रधानमंत्री ने 1965 के भारत-पाक युद्ध से जुड़े सैन्य प्रतिष्ठानों का दौरा किया था।
उन्होंने अमृतसर के डोगराई युद्ध स्मारक और परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि 1965 की लड़ाई में अब्दुल हमीद की बहादुरी को भुलाया नहीं जा सकता।