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bihar : martyr Rajiv kumar rai funeral with state honors at Kaunhara ghat
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राजकीय सम्मान के साथ वीर राजीव का कौनहारा घाट पर अंतिम संस्कार

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राजकीय सम्मान के साथ वीर राजीव का कौनहारा घाट पर अंतिम संस्कार
bihar : martyr Rajiv kumar rai funeral with state honors at Kaunhara ghat
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वैशाली/मुजफ्फरपुर। बिहार में वैशाली जिले के महुआ स्थित चकखजे गोविंदपुर गांव निवासी सेना के जवान राजीव कुमार राय का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा। राजकीय सम्मान के साथ गंगा-गंडक के संगम हाजीपुर के कौनहारा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।

शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचते ही पूरा क्षेत्र गमगीन हो गया। स्व. राजीव भारतीय सेना में हवलदार के पद पर कार्यरत थे और दुश्मनों से लोहा लेते हुए दो दिन पूर्व वे शहीद हो गए थे।

भारत-पाकिस्तान की सीमा पर उधमपुर में ड्यूटी के तहत पेट्रोलिंग पर जब वे निकले थे, उसी दौरान पाकितान की सीमा से जारी फायरिंग में बुरी तरह जख्मी हो गए। राजीव ने जख्मी होने के बाद भी दुश्मनों का जमकर मुकाबला किया और दुश्मनों को मुहतोड़ जवाब देते हुए शहीद हो गए।

शहीद जवान राजीव कुमार राय का भाई भी सेना में ही कांस्टेबल के पद पर कार्यरत है। शहीद का शव पहुंचते ही जिले के वरीय अधिकारियों ने उन्हें अपनी श्रद्दांजलि दी। पार्थिव शरीर जैसे ही गांव पहुंचा, लोगों ने भारत माता की जय के नारे लगाए और अपने वीर सपूत को नमन किया। पीड़ित परिवार ने सरकार से हर संभव मदद देने की अपील की है।

पार्थिव शरीर के साथ डीएम रचना पाटिल, एसपी राकेश कुमार, एसडीओ मुमताज आलम, एएसपी अनंत कुमार राय, बीडीओ आफताब आलम, थानाध्यक्ष भागीरथ प्रसाद, तिसीऔता थानाध्यक्ष चरणजीत कुमार के अलावा कई अन्य अधिकारी पहुंचे। उन्होंने शहीद के परिजनों को सांत्वना दी और जांबाज राजीव को सलामी दी।

राजीव का शव उनके पैतृक गांव चकखजे गोविंदपुर में सुबह साढ़े आठ बजे के करीब पहुंचा और वहां से ग्रामीणों व अधिकारियों के द्वारा राजकीय सम्मान के साथ गंगा-गंडक के संगम हाजीपुर के कौनहारा घाट ले जाया गया जहां अंतिम संस्कार किया गया। घाट पर सेना के जवानों सलामी दी गई। राजीव उन्नीस साल पहले सेना में शामिल हुए थे।

शहीद राजीव कुमार राय की मां कौशल्या की आंखें नम थीं और बेटे के शव पर विलाप कर रही थी। विलाप करते उनकी आंखों के आंसू सूख गए और बोल उठी कि राजीव भारत माता का बेटा था और मां की रक्षा की खातिर शहीद हो गया है। उसने कहा कि पोता भी इसके लायक होगा तो देश की रक्षा के लिए फौज की नौकरी ही पाना पसंद करेगा।

कौशल्या को बेटे के निधन के गम के साथ इस बात का गर्व था कि वह शहीद राजीव की मां है जिसने भारत माता के सच्चे सपूत के रूप में काम किया है। राजीव की मां कहती है कि कौन कहता है कि उनका बेटा मरा है। वतन की रक्षा के लिए जान देने वाले मरते नहीं। उनकी शहादत को कृतज्ञ राष्ट्र याद रखता है।

आंखों में आंसू छुपाते हुए कौशल्या ने कहा कि राजीव मेरा बेटा था पर कर्म राष्ट्र हित के लिए किया है। शहीद राजीव की पत्नी संगीता देवी के विलाप से सबका दिल दहल जा रहा था। शव पर पत्नी संगीता विलाप किए जा रही थी। अब उसे कौन देखेगा। उसका सहारा छीन गया। उसकी रुलाई से हर आदमी रोने को मजबूर हो जा रहा था।

राजीव की दो बेटी 16 वर्षीया शिवम व 14 वर्षीया श्रुति तथा एक पुत्र 10 वर्षीय सत्यजीत अपने पिता के शव पर सिर पटक-पटक रो रहा था। “पापा आओ न कह के गए थे कि पर्व पर आएंगे और कपड़े लाएंगे”। राजीव के तीनों बच्चे समझ रहे थे कि अब उनका पापा इस दुनिया में नहीं हैं। वे हर आने-जाने वालों को निहार रहे थे। वृद्ध पिता मधुसूदन राय फफक कर रोते हैं। कौन होगा अब उनका सहारा। राजीव की मौत ने तो उनकी कमर तोड़ दी है। बहन रेणु भी ससुराल से भाई के शहीद होने की खबर सुनकर आई है।

डीएम रचना पाटिल ने शहीद राजीव के परिजनों को 11 लाख रुपए की सहायता राशि राज्य सरकार के निर्देश पर देने की घोषणा की। इधर, लोगों ने डीएम व एसपी से कुशहर-जंदाहा मार्ग के सिंघाड़ा पासवान चौक से चखाजे शहीद राजीव के घर तक आने वाली सड़क का नाम शहीद राजीव पथ करने की मांग की। इसपर डीएम व एसपी ने हामी भरी।