काठमांडू। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दक्षिण एशिया में औद्योगिक विकास और विश्वविद्यालय के लिए नई खोज को महत्वपूर्ण कहा है। उन्होंने अनुसंधान एवं नई खोज के लिए आवश्यक परिवेश मुहैया कराने पर जोर दिया।
काठमांडू विश्वविद्यालय ने गुरुवार को उन्हें डी. लिट की मानद उपाधि से विभूषित किया। उनके अलंकरण के मौके पर नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ भी मौजूद थे। प्रचंड इस विश्वविद्यालय के चांसलर भी हैं।
अपने अलंकरण समारोह में मुखर्जी ने इस बात को रेखांकित किया कि क्षेत्र के शिक्षण संस्थान विश्व पैमाने पर नहीं गिने जाते हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों में प्रतिभा कमी नहीं है और न ही शिक्षकों का अभाव है। कुछ तकनीकी कारण हैं जिसे दूर करना जरूरी है।
इससे पहले तीन दिनों की नेपाल यात्रा पर पहुंचे राष्ट्रपति ने बागमती नदी के किनारे स्थित प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर में विशेष पूजा की। पंचामृत से रुद्राभिषेक किया और ‘लाख बत्ती’ जलाई। स्वस्ति मंत्रोच्चार के बीच 108 बटुकों ने मंदिर में उनका स्वागत किया। पूर्वी मुख्य द्वार से राष्ट्रपति ने मंदिर में कदम रखा।
परंपरागत नेपाली और नेवारी पंछी बाजा और थीम बाजा के बीच मंत्रोच्चार हो रहा था। यूनेस्को से विरासत स्थल घोषित इस मंदिर में दुनिया भर से हजारों की संख्या में हिंदू श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं।