इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गणित व विज्ञान के 29,334 सहायक अध्यापकों की भर्ती मामले में पांचवी काउंसिलिंग के बाद चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने के एकलपीठ के आदेश को रद्द कर दिया है।
न्यायालय ने ने प्रकरण पर नये सिरे से निर्णय के लिए एकलपीठ को मामला वापस कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने कहा है कि चयनित होने मात्र से किसी को नियुक्ति पाने का वैधानिक अधिकार नहीं मिल जाता किन्तु कम मेरिट वालों का चयन व अधिक मेरिट वालों को चयन सूची से बाहर रखना उचित नहीं है। कोर्ट ने कहाकि अंतिम चयन मेरिट में अधिक अंक पाए अभ्यर्थियों की अनदेखी नहीं की जा सकती।
कोर्ट ने दर्जनों अपीलां को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने यह आदेश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी इटावा की विशेष अपीलों को स्वीकार करते हुए दिया है। अपीलों में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने के एकलपीठ के आदेश की वैधता को चुनौती दी गयी थी।
अपील में वकीलों का कहना था कि क्वालिटी प्वाइंट मार्क 67.78 है। याची 65.68 अंक पाया है तो कुछ ने 67.81 अंक मिले है किसी ने 70.59 अंक प्राप्त किया है। सामान्य श्रेणी के 91 पदों में से 87 पद खाली है। जिन्हें भरा जाना है। चार पद विशेष आरक्षित हैं। कोर्ट ने कहा कि कितनों ने 67.78 अंक प्राप्त किए हैं तथा इस अंक व 65.68 अंक के बीच कितने अभ्यर्थी है। स्पष्ट जानकारी नहीं है। ऐसे में याचिकाओं को नये सिरे से सुना जाए।