लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी के अंदर चल रहे घमासान और सियासी अटकलों के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को पार्टी के चुनावी अभियान का आगाज कर दिया।
उनके विकास रथ को जहां सपा मुखिया मुलायम ने हरी झंडी दिखाई, वहीं चाचा शिवपाल ने भी अपनी शुभकामनाएं दी। रथयात्रा में शामिल होने के लिए राजधानी में युवाओं का सैलाब उमड़ पड़ा था।
हालांकि जिस हाईटेक रथ पर सवार होकर मुख्यमंत्री अपनी ‘विकास से विजय’ यात्रा पर निकले, वह कुछ मीटर चलने के बाद ही दगा दे गया। उसके सभी पहिये जाम हो गये। लेकिन, यह व्यवधान युवा मुख्यमंत्री को डिगा न सका।
थोड़ी देर इंतजार के बाद भी जब रथ ठीक न हुआ तो वह सरकारी वाहन से अपनी यात्रा पर आगे बढ़ लिए। उनके स्वागत को सड़क के दोनों किनारों पर युवाओं का हुजूम टूट पड़ा था।
अखिलेश भी अपनी गाड़ी के छत को खोलकर लोगों का अभिवादन करने लगे। इस तरह रथ की खराबी के चलते उनकी रथयात्रा का पहला चरण (लखनऊ से उन्नाव तक) रोड शो में तब्दील हो गया। उनके वाहन के पीछे सैकड़ों गाड़ियों का लम्बा काफिला भी चल रहा था।
मुख्यमंत्री की रथयात्रा राजधानी स्थित लामार्टिनियर मैदान से गुरुवार सुबह नौ बजे प्रारम्भ होनी थी, लेकिन शुरुआत करीब दो घंटे विलंब से हुई। कार्यक्रम स्थल पर सुबह से ही कार्यकताओं की भारी भीड़ जमा हो गई थी।
जो लोग वहां तक नहीं पहुंच सके, उनका हुजूम यहां लोहिया पथ और कालीदास मार्ग पर मौजूद रहा। भारी भीड़ के कारण कई बार तो कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प भी हुई।
इस मौके पर मंच पर सपा के करीब सभी बड़े नेता मौजूद रहे। तमाम अटकलों के बीच मुख्यमंत्री के चाचा और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल भी वहां पहुंचे।
वह सपा मुखिया मुलायम के साथ करीब दस बजे मंच पर आए। इस तरह सभी बड़े नेताओं की मौजूदगी के जरिए पार्टी में एकजुटता का संदेश देने की भी कोशिश की गई।
मंच पर अखिलेश ने शिवपाल को नजरअंदाज भी किया। अपने सम्बोधन के दौरान मुलायम समेत वहां उपस्थित सभी नेताओं का उन्होंने अभिवादन किया लेकिन, शिवपाल का एक बार भी नाम नहीं लिया।
हालांकि, यात्रा शुरु होने के बाद मीडिया के सवालों के जवाब में उन्होंने यह कहा कि नेताजी (मुलायम) के साथ प्रदेश अध्यक्ष के आने से उन्हें बहुत खुशी हुई।
लेकिन मंच पर अपने भाषण के दौरान बगैर नाम लिए अखिलेश ने चाचा शिवपाल पर तंज भी कसा और कहा कि कुछ लोगों ने साजिश की, षड्यंत्र किए। हम थोड़ा डगमगाए जरूर लेकिन अब जो जन सैलाब उमड़ा है। उससे यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार समाजवादी पार्टी की ही बनेगी। इस दौरान उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर भी हमला बोला।
अखिलेश ने शिवपाल को भले ही नजरअंदाज किया लेकिन जब शिवपाल ने बोलना शुरु किया तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में रथयात्रा की शुरुआत हो रही है। यह रथयात्रा पूरे प्रदेश में संदेश देने का काम करेगी।
हमारी सरकार ने चार साल में जो ऐतिहासिक काम किया है, उसे यह रथयात्रा जनता के बीच पहुंचाएगी। उन्होंने अखिलेश को शुभकामना भी दी और कहा कि 2017 में फिर से पूर्ण बहुमत वाली हमारी सरकार बनेगी। इस दौरान उन्होंने मुलायम के संघर्षों को भी याद किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सपा मुखिया मुलायम ने देश की सीमा पर शहीद हुए सेना के जवानों को याद किया और उनके मां-बाप को नमन किया। उन्होंने कहा कि इन महान लोगों के सपूतों की वजह से ही हम लोग सुरक्षित हैं। मुलायम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ऐसे परिवारों से मिलना चाहिए।
उन्होंने इस दौरान भारतीय सेना को दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना बताया। उन्होंने यह भी कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध नहीं चाहते।
मुलायम ने अपने सम्बोधन के दौरान सपा को संघर्ष और कुर्बानी वाला दल बताया। कार्यकर्ताओं को सीख दी कि वे कभी भी अन्याय को बर्दास्त न करें। अखिलेश को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने उनकी रथ यात्रा की सफलता की कामना भी की।
इसके बाद सपा मुखिया ने हरी झंडी दिखाकर रथ को रवाना किया। रथ में मुख्यमंत्री अखिलेश के अलावा उनकी सांसद पत्नी डिंपल यादव और सरकार के कई मंत्री भी मौजूद रहे।
लामार्टिनियर मैदान से रवाना होने के थोड़ी देर बाद अखिलेश यादव का हाईटेक विकास रथ जैसे ही लोहिया पथ पर पहुंचा उसमें टेक्निकल खराबी आ गई।
करीब आधे घंटे इंतजार के बाद भी जब रथ ठीक न हो सका तो मुख्यमंत्री रथ को वहीं छोड़कर सरकारी वाहन से यात्रा में आगे चल दिए। आधुनिक सुख-सुविधाओं से लैस इस रथ को प्रसिद्ध कंपनी मर्सडीज बेंज ने बनाया है।
मुख्यमंत्री का काफिला वहां से निकलने के बाद भी वह रथ ठीक नहीं हो सका था। बाद में उसे हटाने के लिए कई क्रेन बुलाई गई लेकिन पहिए जाम होने के कारण देर शाम तक रथ को लोहिया पथ से हटाया न जा सका था।
रथ छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री की यात्रा रोड शो में बदल चुकी थी। वह जिस वाहन में सवार थे, उसकी छत निकालकर वह लखनऊ से उन्नाव तक सड़कों के किनारे खड़े लोगों का अभिवादन कर रहे थे।
करीब 100 किलोमीटर की इस दूरी में जगह-जगह पर लोगों का हुजूम उनका स्वागत कर रहा था। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कई जगह भीड़ को सम्बोधित भी किया।
उन्नाव में आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुए अखिलेश ने कहा कि जनता ने मन बना लिया है। चुनाव बाद मैं फिर से पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाऊंगा। उन्होंने कहा कि चार साल में समाजवादी सरकार ने विकास के बहुत काम किए हैं। दोबारा सरकार बनने पर और काम होंगे।
यात्रा के दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा के निष्कासित महासचिव प्रो रामगोपाल और सरकार के कैबिनेट मंत्री मो आजम खान कुछ कारणों से आज के कार्यक्रम में भले ही पहुंच पाए हों लेकिन उन सब की शुभकामनाएं मेरे साथ हैं।
एक दूसरे सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव को लेकर बन रहे किसी गठबंधन की जानकारी उन्हें नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस सम्बंध में नेताजी ही निर्णय लेंगे।
यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री की सांसद पत्नी डिंपल यादव भी लोगों का बड़ी गर्मजोशी से अभिवादन कर रही थीं। उन्होंने कहा के अखिलेश आज युवाओं की पहली पसंद हैं। उन्हें अखिलेश से बहुत उम्मीदें भी हैं।
एक सवाल के जवाब में डिंपल ने कहा कि अखिलेश अब अनुभवी मुख्यमंत्री हो गए हैं। चार साल में उन्होंने बहुत काम किया है। गौरतलब है कि अखिलेश की रथयात्रा का गुरुवार को पहला चरण था। पांच नवम्बर को पार्टी की रजत जयंती कार्यक्रम के बाद उनकी रथयात्रा फिर शुरु होगी।