मुंबई। करण जौहर की फिल्म ए दिल है मुश्किल को रिलीज हुए एक सप्ताह से ज्यादा हो गया, लेकिन आर्मी वेल्फेयर फंड में 5 करोड़ रु. जमा करने की शर्त का अब तक पालन नहीं हुआ है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की पहल पर राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) और करण जौहर के बीच समझौते का सबसे विवादित पहलू यही था, जिसमें 5 करोड़ की रकम जमा कराने की बात थी।
इसे लेकर देवेंद्र फड़नवीस भी आलोचनाओं का शिकार हो गए थे, लेकिन अब लगता है कि करण जौहर इस समझौते से मुकर गए हैं और मनसे भी अब इसे लेकर नरम पड़ती नजर आ रही है।
अब तक 5 करोड़ न जमा कराने को लेकर जब मनसे और करण जौहर के दफ्तर से संपर्क किया गया, तो दोनों तरफ से इसे टालने की कोशिश की गई। करण जौहर के दफ्तर ने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया, जबकि मनसे की ओर से कहा गया कि वे इस मामले में जानकारी पता करेंगे।
साफ है कि अब तक 5 करोड़ की रकम जमा नहीं की गई है। जब ये समझौता सामने आया था, तो सेना के भूतपूर्व अधिकारिय़ों की ओर से इस पर कड़ा एतराज उठाते हुए कहा गया था कि सेना किसी से जबरदस्ती का पैसा लेने के पक्ष में नहीं है।
मनसे की ओर से 5 करोड़ जमा कराने की शर्त उन सभी फिल्मों के साथ लगाई गई थी, जिनमें पाकिस्तानी कलाकारों ने काम किया है। इन फिल्मों में ए दिल है मुश्किल के अलावा फरहान अख्तर की शाहरुख खान को लेकर बनी फिल्म रईस और शाहरुख खान की ही एक और फिल्म डियर जिंदगी के नाम भी शामिल थे।
फरहान अख्तर ने साफ तौर पर कहा था कि वे किसी के दबाव में आकर कोई पैसा जमा नहीं कराएंगे। रईस में शाहरुख खान के साथ पाकिस्तानी हीरोइन माहिरा खान हैं और रईस के निर्माता फरहान अख्तर तथा निर्देशक राहुल ढोलकिया ने माहिरा की जगह किसी भारतीय कलाकार को कास्ट करने की बात से भी साफ मना कर दिया था।
शाहरुख खान की फिल्म डियर जिंदगी में पाकिस्तानी कलाकार अली जफर हैं और खबरों के अनुसार, जब पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर विरोध बढ़ा, तो इस फिल्म में चुपके से अली जफर वाले रोल में भारतीय कलाकार ताहिर राज भसीन को कास्ट कर लिया गया।