भिलाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक हजार व पांच सौ रूपए के नोट को अचानक बंद करने के कारण आगामी माह में भिलाई तीन चरोदा निगम में होने वाले चुनाव में खड़े होने वाले कई दावेदारों के उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
चुनाव लडऩे के लिए कई दावोदारों ने गत एक वर्ष से चुनावी फंड जुटाने में लगे थे जिनके पास जुटाए धन में पांच सौ और एक हजार रूपये के ही नोट थे जिन्हें वे संभालकर रखे थे।
इसके अलावा कई लोग इस चुनाव में अपने कालेधन को सफेद करने की जुगत में थे उन सबके उम्मीदों पर अब प्रधानमंत्री के इस निर्णय ने पानी फेर दिया। दिसम्बर में संभावित निगम चुनाव में महापौर बनने की दौड़ में शामिल नेताओं द्वारा लाखों के कालेधन को सफेद करने की तैयारी थी।
भिलाई-चरोदा नगर निगम चुनाव में खासकर महापौर पद के दावेदारों में हजार व पांच सौ के नोट के प्रचलन पर लगाई गई रोक ने हडक़ंप मचाने का काम किया है।
इस निकाय के पहले महापौर बनने की चाह रखने वाली भाजपा व कांग्रेस सहित राष्ट्रीय पार्टी के टिकट न मिलने पर निर्दलीय ताल ठोकने की तैयारी में जुटी महिला नेत्रियों और उसके करीबियों को प्रधानमंत्री मोदी के निर्णय की जानकारी मिलते ही सांप सूंघ गया है।
प्राय: सभी दावेदारों के लिए चुनावी खर्च के लिए जुटाई गई बेहिसाब धनराशि अब गले की हड्डी बन गई है। दरअसल महापौर पद के दावेदार महिला नेत्रियों ने इधर उधर से काफी धनराशि जुटा रखे हैं।
7 नवम्बर को चुनाव के लिए बनी मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होते ही अब-तक में आचार संहिता लगने की संभावना है। एक बार आचार संहिता लग गई तो फिर महापौर पद के दावेदारों के बैंक खातों की आवक-जावक पर निर्वाचन आयोग की नजर रहेगी।
महापौर चुनाव में एक प्रत्याशी को अधिक 15 लाख रूपए खर्च करने होते हैं। लेकिन धरातल पर खर्च का दायरा इसके काफी विपरीत होता है। बताया जाता है कि चुनाव घोषणा होने से पहले निर्वाचन आयोग की कार्यवाही से बचने के लिए महापौर पद के सभी दावेदारों ने लाखों रूपए की नकद राशि अपने घरों में व्यवस्था करके रख लिया है।
इस रकम में हजार व पांच सौ रूपए के ही बंडल होने की बात सामने आ रही है। भाजपा-कांग्रेस से राकांपा और छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच का राजनीतिक सफर कर चुके एक नेता अपनी पत्नी को महापौर बनाने के लिए वर्तमान में भाजपा में रहते हुए जोगी कांग्रेस से भी संपर्क कर रहे हैं।
इन नेताओं के द्वारा अपने पास 1 करोड़ रूपए होने की बात कहते हुए टिकट की मांग की जा रही है। इनके द्वारा भी 1 करोड़ की नकद राशि आचार संहिता लगने से पहले ही व्यवस्था कर लिए जाने की बात चर्चे में है।
इसी तरह कांग्रेस से प्रबल दावेदार मानी जा रही महिला नेत्री के पिता के द्वारा भी 60 लाख रूपए स्वयं के पास होना प्रचारित किया जा रहा है। भाजपा से ही महापौर पद की दावेदारी कर रही चरोदा की एक और महिला नेत्री ने भी स्वयं के पास भारी भरकम नगद राशि होने का दावा करते हुए वरिष्ठ नेताओं से टिकट देने की गुजारिश की है।
जाहिर है भाजपा व कांग्रेस से महापौर पद के इन दावेदारों महिला नेत्रियों ने चुनाव खर्च के लिए जुटाए करोड़ों की रकम में कालाधन की अधिकता होगी ही लेकिन अब जब हजार व पांच सौ रूपए के नोट बंद कर दिए गए हैं तो फिर चुनाव में कालाधन को सफेद करने की तैयारी पर पानी फिरना तय माना जा रहा है।
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