अजमेर। 500 औ 1000 के नोट बंद किए जाने के सरकारी ऐलान के बाद सेल टेक्स विभाग भी हरकत में आ गया। शुक्रवार को विभाग की टीमों ने जिले में कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर अचानक धावा बोल दिया।
अजमेर सिटी में मणिरत्नम ज्वैर्ल्स के यहां जैसे ही आयकर विभाग की टीम पहुंची वैसे ही आसपास के दुकानदार शटर गिराकर निकल लिए। किशनगढ में भी एक स्वर्णकार के प्रतिष्ठान पर आयकर विभाग ने कार्रवाई की। हनुमानगढ में ज्वेर्ल्स की तीन फर्मों पर आयाकर सर्वे की सूचना है। अलवर में भी दो ज्वेर्ल्स के प्रतिष्ठान पर कार्रवाई की गई।
इस दौरान सेल टैक्स विभाग की छापेमारी की सूचना के चलते कई व्यावसायी दुकाने बंद कर भाग छूटे। उल्लेखनीय है की कैरेन्सी में आए बदलाव के बाद से पुरानी कैरेन्सी खपाने के लिए लोगों ने आभूषणों की दुकानों और थोक मार्केट का रुख किया था।
जिसको देखते हुए बृहस्पतिवार सुबह से ही वैट और सेल टैक्स विभाग की टीमें विभिन्न इलाकों के सर्राफा बाजारों और थोक मंडियों में पहुंचनी शुरू हो गई थी।
जांच टीम की खबर मार्केट में फैलते ही कई ज्वैलर्स दुकानों ने शटर डाउन कर दिए थे। हालांकि सेल टैक्स विभाग की और से उनके द्वारा छापेमारी की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं की गई है।
सूत्रों की माने तो शुक्रवार से इंकमटैक्स के अधिकारिया के आने की सुगबुगाहट के बाद राज्य के प्रमुख बड़े शहरों में ज्वैलरों में खलबली मची हुई थी। कईयों ने सुबह से ही अपने प्रतिष्ठान तक बंद कर दिए।
सोना बेचकर रुपए बनाने वाले ज्वैलर्स ने हालांकि काफी समझदारी उस वक्त दिखाने के दावे किए लेकिन वह समझदारी अब उनके और उनके यहां से सोना खरीदने वालों के खिलाफ भी पक्का सबूत होगी।
हालांकि सरकार ने अभी तक कोई रणनीति नहीं बनाई लेकिन बड़े और छोटे ज्वैलर्स की दुकानों में स्टॉक समाप्ति और एडवांस में हुए लेन देन की अचानक बढ़ी तादाद से सरकार को भी राजस्व होने की उम्मीद जगी।
मोदी सरकार के बजट के बाद करीब डेढ़ दो माह तक ज्वैलर्स ने टैक्स को लेकर अपने व्यवसाय बंद रखे थे लेकिन आखिर हार उनको ही माननी पड़ी और व्यापार वापस शुरु करना पड़ा।
मोदी सरकार के इस निर्णय के कारण हुए घाटे को पूरा करने की कोशिश ज्वैलर्स ने पूरा करने की कोशिश एक ही रात में की जो आगे जाकर काफी नुकसानदायक हो सकती है।