वाशिंगटन। अमेरिका में दक्षिण एशिया मुद्दों पर एक प्रसिद्ध विशेषज्ञ ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन भारत-अमेरिका संबंधों में हुई प्रगति पर निर्मित होगा और यह आतंकवाद पर पाकिस्तान की दोहरी नीतियों को लेकर कम उदार होगा, लेकिन एच-1बी वीजाओं का मुद्दा भारत के साथ टकराव का एक संभावित क्षेत्र हो सकता है।
शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक हेरिटेज फाउंडेशन की लिजा कर्टिस ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रंप प्रशासन इन कुछ वर्षों में भारत-अमेरिका संबंधों में हुई उल्लेखनीय प्रगति पर निर्मित होगा।
उन्होंने कहा कि अमेरिका में यह द्विदलीय मान्यता है कि एशिया प्रशांत, नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय आदेश और मुक्त एवं खुला समुद्री पारगमन सुनिश्चित करने में अमेरिकी उद्देश्यों की प्राप्ति में भारत की भूमिका अहम है।
हेरिटेज में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों एवं क्षेत्रीय भूराजनीति पर केंद्रित लिजा ने कहा, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने अपने चुनावी प्रचार के दौरान भारत के बारे में कई सकारात्मक टिप्पणियां की हैं, जिससे इस सहभागिता में उनका समर्थन झलकता है।
उन्होंने कहा, एच-1बी वीजा का मुद्दा संभावित टकराव का क्षेत्र हो सकता है। यह अब तक स्पष्ट नहीं है कि अमेरिकी कामगारों को सुरक्षा देने के लिए कैसे ट्रंप के वैश्विक कारोबार की पृष्ठभूमि उनकी प्रतिबद्धताओं पर प्रभाव डालेगी।