नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को एक दिन के विशेष सत्र में नोटबंदी से उपजे हालात पर चर्चा की गई। बाद में प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से नोटबंदी के निर्णय को वापस लेने की मांग की गई।
नोट बंदी के मसले पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस मसले की राष्ट्रपति खुद सुप्रीम कोर्ट से जांच कराएं। केजरीवाल ने कहा कि भाजपा के नेता जनार्दन रेडडी की बेटी की शादी में 500 करोड़ रूपए खर्च हो रहे हैं। उनको कहां से नोट मिले? क्योंकि वो मोदी जी के दोस्त हैं। इसलिए उन पर रेड नहीं की गई।
विजय माल्या को भगा दिया गया। 648 लोग जिनके स्विस बैंक में अकाउंट है उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। मोदी ने अपने मित्रों के खिलाफ कोई कदम नही उठाया। ढाई लाख पर आम लोगों पर एक्शन लिया जा रहा है।
5 हज़ार 68 करोड़ वालों पर कोई एक्शन नहीं होता। केजरीवाल ने कहा कि सुभेंदु अमिताभ ने मोदी को 25 करोड़ रूपए दिए। जब मोदी जी गुजरात सीएम थे। सुभेंदु की जांच में इनकम टैक्स विभाग को ये जानकारी मिली।
5 अक्टूबर 2013 को आदित्य बिड़ला ग्रुप पर रेड हुई, उनके अककॉउंटेंट से पूछा कि मैं हवाला से पैसे लाता हूं, मेरे बोस शुभेन्दु अमिताभ जिसको कहते हैं, उन्हें पैसा दे देता हूं। आप विधायक अलका लाम्बा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अालोचना की और कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी माँ को बैंक की लाइन में लगने को मजबूर किया।
उन्होंने बाबा रामदेव पर आरोप लगाया कि पतंजलि योगपीठ में काला धन सफ़ेद किया जा रहा है। भाजपा विधायक जगदीश प्रधान ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नोट बंदी का विरोध नहीं करना चाहिए। मायावती और मुलायम सिंह विरोध करें, तो ठीक है। चूंकि आप ईमानदारी की राजनीति करने का दम भरती है इसलिए आप वालों को नोट बंदी का समर्थन करना चाहिए।
नेता विपक्ष एवं भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने सदन में कहा कि जिनकी दुकाने बंद हुई हैं उनमें नकली नोट छापने वालों की दुकानें हैं। भ्रष्टाचारी पार्टियां है। इससे पाकिस्तान से गैरकानूनी धंधे करने वोलों पर रोक लगी है। केजरीवाल गरीब के कंधे के सहारे भ्रष्टाचारियों के साथ खड़े हो गए हैं।
गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल देशद्रोहियों की समस्या पर चर्चा कर रहे हैं। उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल का नोटबंदी पर कानून व्यवस्था खराब होने वाला बयान गैरजिम्मेदाराना है। केजरीवाल लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।
सदन में सदस्यों की टोकाटाकी और हंगामे के बीच स्पीकर ने मार्शल बुलाकर गुप्ता को सदन से बाहर निकलवा दिया। इसके बाद प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से नोटबंदी के निर्णय को वापस लेने की मांग की गई।
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