जम्मू। अंग्रेजी की एक कहावत है मैन प्रपोसेस गाड डिस्पोसेस यानी मनुष्य कामना करता है और ईश्वर उसे फलीभूत करता है। जम्मू कश्मीर में हिंदू मुख्यमंत्री को लेकर यह क हावत थोडे अलग अंदाज में चरितार्थ होती नजर आ रही है।
विधानसभा चुनाव में हिंदू मुख्यमंत्री का मुद्दा सबसे पहले कांग्रेस के निवर्तमान पीएचई मंत्री शाम लाल ने उठाया था लेकिन इसे अमलीजामा पहनाने की मुहिम भारतीय जनता पार्टी ने शुरू की है। हालांकि कांग्रेस ने अपने मंत्री के बयान से पल्ला झाड़ लिया था और शाम लाल भी चुनाव हार गए। अगला मुख्यमंत्री कौन बनता है इसे लेकर संदेह बरकरार है।
दरअसल नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ भाजपा के गठबंधन पर मुख्यमंत्री पद को लेकर ही पेंच फंसा हुआ है। लेकिन वित्त मंत्री अरूण जेटली और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा ने साफ कर दिया है कि अगला मुख्यमंत्री भाजपा का होगा।
जम्मू संभाग के कालाकोट से चुनाव जीतने वाले अब्दुल गनी कोहली भाजपा के एक मात्र मुस्लिम विधायक हैं। पूर्व अलगाववादी पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन भी भाजपा के करीबी माने जाते हैं। भाजपा ने नेकां और पीडीपी दोनों पर जिस तरह का दबाव बना दिया है, उससे वह दोनों पर अपनी शर्तें मनवाने के लिए कड़ी सौदेबाजी कर रही है और वह अपनी पार्टी का ही मुख्यमंत्री चाहेगी।
उधर, हिंदू मुख्यमंत्री को लेकर नेकां में बगावत की सुगबुगाट शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार नेकां के एक वरिष्ठ विधायक ने कहा है, हम अपने बुनियादी सिद्धान्तों का बलिदान करके सहूलियत की शादी में यकीन नहीं रखते।
अठाइस सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी पीडीपी भी çंहंदू मुख्यमंत्री के लिए तैयार नहीं है। विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भाजपा के लिए इस समय हिंदू या मुस्लिम मुख्यमंत्री की बजाय इस अहम राज्य में किसी तरह अपनी सरकार बनाना ज्यादा महत्वपूर्ण है।