नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा गुरुवार को रामगोपाल यादव के पार्टी से छह वर्ष के निष्कासन को समाप्त करने के बाद, राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने कहा कि रामगोपाल यादव घर के थे और हमेशा रहेंगे।
मैं बाहरी हूं और हमेशा रहूंगा, इसलिए मैं इस विषय पर कुछ नहीं कहूंगा। सपा और यादव परिवार के अन्तर्कलह के चलते रामगोपाल ने झगड़े में अखिलेश का साथ दिया था, जिसके कारण पार्टी के उत्तर प्रदेश की इकाई के प्रमुख शिवपाल यादव ने उन्हें 23 अक्तूबर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
मुलायम सिंह को महादेव बताते हुए अमर सिंह ने कहा कि वे पार्टी और अखिलेश दोनों के बाप हैं। उन्होंने कहा कि मुलायम बापों के बाप हैं, उनका निर्णय सर्वमान्य होगा।
अमर सिंह से पूछा गया कि अब जबकि रामगोपाल की सपा में वापसी हो गई है और वे राज्यसभा में पार्टी के नेता हैं, तो सदन में उनकी भूमिका कैसी होगी, इस पर अमर सिंह ने कहा मैं राज्यसभा में रामगोपाल के नेतृत्व में वैसे ही काम करूंगा जैसे मल्लिकार्जुन के नेतृत्व में सोनिया गांधी काम करती हैं।
गौरतलब है कि सपा परिवार में जारी झगड़े के बीच रामगोपाल यादव ने अमर सिंह पर कड़े प्रहार किए थे। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि नेताजी बहुत सीधे हैं, जिसका फायदा कुछ बाहरी लोग उठाते हैं।
उन्होंने अमर सिंह द्वारा खुद को मुलायमवादी कहने पर तंज कसते हुए कहा था कि जो समाजवादी ही नहीं, वह मुलायमवादी क्या होगा। उन्होंने कहा कि कुछ बाहरी लोग पार्टी में इसलिए आए हैं, ताकि अपना हित साध सकें, उन्हें पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।