मुंबई। हिंगोली जिले में शनिवार की सुबह सुरेगांव के पास हनुमान मंदिर के पुजारी ने पहले खुद की चिता तैयार की और उसके बाद चिता में खुद ही आग लगाई, फिर चिता में प्रवेश कर अग्रिस्नान कर लिया।
मंदिर से धुंआ निकलते देख गांव वाले मंदिर के पास जमा हो गए, लेकिन मंदिर का दरवाजा अंदर से बंद होने की वजह से पुजारी को बचाया नहीं जा सका। इस घटना से हिंगोली जिले में सनसनी फैल गई है।
मिली जानकारी के अनुसार साठ वर्षीय हनुमान मंदिर के पुजारी विठ्ठल यशवंता पोले पिछले आठ वर्षों से वहां हनुमान जी की भक्ति में लीन हुए थे और हर तरह के मोह-माया से अपने आपको दूर कर लिया था।
दो साल से मंदिर में ही रहते थे और मंदिर का निर्माण कार्य कर रहे थे। इन दोनों साल में पुजारी को गांव में अथवा घर पर जाते हुए किसी ने भी नहीं देखा था। शनिवार की सुबह अचानक पुजारी द्वारा किए गए अग्रिस्नान से पूरे गांव के लोग अचंभित हैं।
पुजारी विठ्ठल के बेटे ने बताया कि उनकी किसी भी तरह की किसी से भी दुश्मनी नहीं थी, इसलिए इस मामले में उन्हें किसी पर शक भी नहीं है। इस मामले की जांच स्थानीय पुलिस स्टेशन पुलिस निरीक्षक गणपत दराड़े कर रहे हैं।