नई दिल्ली। संसद में नोटबंदी को लेकर विपक्ष के विरोध के कारण पांच दिन से जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में पलटवार की रणनीति बनाई गई और नोटबंदी पर जनता से राय मांगने का फैसला लिया गया।
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भावुक होते हुए सांसदों से कहा कि नोटबंदी को सर्जिकल स्ट्राइक न कहें क्योंकि वह तो सैनिक ही कर सकते हैं। नोटबंदी तो कालाधन, भ्रष्टाचार और आतंकियों की फंडिंग रोकने के लिए उठाया गया कदम है जो जनहित में लिया गया फैसला है।
उन्होंने सांसदों से जनता के बीच जाकर उन्हें नोटबंदी के बारे में सही जानकारी देने को कहा साथ ही एक ऐप के जरिए जनता से राय मांगी।
इसके पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उठाया गया नोटबंदी का फैसला ऐतिहासिक था जो पिछले 70 वर्षों में किसी सरकार ने नहीं लिया।
उन्होंने कहा कि नकदी कम होने से कुछ दिनों की दिक्कत ज़रूर हुई है और व्यापार भी प्रभावित हो सकता है पर बाद में नकदी कारोबार से बढ़ने वाले कालाधन और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी तथा गरीबी खत्म होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार को 16 लाख करोड़ रुपए कर के भुगतान के रूप में मिलते हैं। अगर लोग ईमानदारी से करों का भुगतान करें तो सरकार को चार से पांच लाख करोड़ रुपए का जो उधार लेना पड़ता है, वह नहीं लेना पड़ेगा।
जेटली ने कहा कि दुनिया में भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में है जिसमें बड़े नोट 86 प्रतिशत हैं। इनको बंद करने पर नए नोटों की छपाई करने में काफी समय लगता है।
देश में सवा लाख बैंक शाखाएं हैं और एक लाख 30 हजार डाकघर हैं। एटीएम में भी नोटबंदी से पूर्व नए नोट नहीं डाले जा सकते थे। ऐसे में सरकार के पास पांच से छह लाख नकदी वितरण केंद्रों तक नए नोट पहुंचाना काफी मुश्किल है पर सरकार ने यह बड़ा कदम जनहित में उठाया है और सारी व्यवस्थाएं की भी जा रही है।
उन्होंने कहा कि जल्द ही जनता को दिक्कतों से निजात मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि अब हमारा ध्यान ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर होगा। बैंकों के पास लाखों करोड़ों रुपया आया है जो नकदी लेन-देन में घूम रहा था। अब उसी रुपए को ऋण देने में इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देशभर में नोटबंदी का स्वागत हुआ है।