नई दिल्ली। लोकपाल की नियुक्ति के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्र से कहा कि जनवरी 2014 में ये कानून संसद से पारित हो गया, इसके बावजूद आपने लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं की?
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा कि कानून में ये प्रावधान है कि चयन कमेटी का एक सदस्य विपक्ष का नेता होना चाहिए लेकिन दुर्भाग्य से लोकसभा में कोई विपक्ष का नेता नहीं है।
केंद्र ने कहा कि लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को चयन समिति में शामिल करने वाला एक विधेयक लंबित है।
तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसद इसमें संशोधन करती है या नहीं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ये आदेश क्यों नहीं दे सकती है कि चयन समिति में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को शामिल किया जाए।
इस पर अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि वे इस संबंध में केंद्र का निर्देश लेंगे जिसके बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि सात दिसंबर तय की।
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