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PM modi attends 350th birth anniversary celebrations of Guru Gobind Singh Ji at Anandpur Sahib
Home Chandigarh आनंदपुर साहिब में दसवें गुरु के 350वें जन्मदिवस कार्यक्रम में पहुंचे पीएम

आनंदपुर साहिब में दसवें गुरु के 350वें जन्मदिवस कार्यक्रम में पहुंचे पीएम

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आनंदपुर साहिब में दसवें गुरु के 350वें जन्मदिवस कार्यक्रम में पहुंचे पीएम
PM modi attends 350th birth anniversary celebrations of Guru Gobind Singh Ji at Anandpur Sahib
PM modi attends 350th birth anniversary celebrations of Guru Gobind Singh Ji at Anandpur Sahib
PM modi attends 350th birth anniversary celebrations of Guru Gobind Singh Ji at Anandpur Sahib

श्री आनंदपुर साहिब/चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि श्री गुरू गोविंद सिंह जी ने उस समय समाज में फैली क्रूरता का वीरता से मुकाबला किया था। उनके लिए देश की एकता सबसे पहले थी। इसके लिए उन्होंने वीरता का मार्ग चुना।

प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री गुरू गोविंद सिंह ने अपने त्याग, बलिदान और तपस्या के बल पर समाज को एकता के सूत्र में बांधने का भागीरथ प्रयास किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को श्री आनंदपुर साहिब में सिख धर्म के दसवें गुरू श्री गोविंद सिंह जी के 350वें जन्म दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोाधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि श्री गुरू गोविंद सिंह जी के मन में सात्विकता थी। प्रधानमंत्री ने पंजाब से अपना रिश्ता जोड़ते हुए कहा कि पंच प्यारे हिन्दुस्थान के सभी दिशाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। उनके पंच प्यारों में एक गुजरात से थे। ऐसे में मेरा आप से खून का रिश्ता है।

उन्होंने कहा कि श्री गुरू गोविंद सिंह जी ने सामाजिक बुराई के खिलाफ को खत्म करने की लालसा थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमें देश की एकता, अखंडता, शांति व सद्भाव के मंत्र को जीना ही नहीं है बल्कि नई पीढ़ी को भी देना है। उन्होंने कहा कि यह महान परम्परा हमें त्याग व बलिदान का मार्ग प्रशस्त करती है।

ऐसे पावन अवसर पर मैं उनको नमन करने के साथ ही भावी पीढ़ी से श्री गुरूगोविंद सिंह जी से प्रेरणा लेने की अपील करता हूं। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि श्री गुरूगोबिंद सिंह ने कहा था कि जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के खिलाफ किसी भी कुर्बानी के लिए हमें तैयार रहना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि मुगलों के जुल्म के खिलाफ दसवें धर्म श्री गुरू गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। गुरूगोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना जुल्म के खिलाफ ही नहीं सामाजिक बुराईयों के खात्मे के लिए भी की थी। जिसमें सभी खालसा को शपथ दिलाया था कि वह जाति-पांति के बंधन को खत्म करेंगे।

उन्होंने कहा कि देश की गुलामी की पीड़ा श्री गुरूगोविंद सिंह को हमेशा सताती थी। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्थान की गुलामी खत्म करने के लिए श्री गुरू गोविंद सिंह ने बंदा बहादुर को तीर देकर कहा था कि देश को आजाद कराओ।

पंजाब के उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि श्री गुरूगोविंद सिंह जी ने जब खालसा पंथ की स्थापना की थी। तो उस वक्त देश में मुगलों का शासन था। मुलगों के अत्याचार से पूरा देश त्रस्त था।

इसके पहले प्रधानमंत्री का सरोपा भेंटकर स्वागत किया गया। इस असवर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व केन्द्रीय मंत्री विजय सांपला, प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा, केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल सहित अनेक लोग उपस्थित थे।