भिण्ड। गोहद जनपद पंचायत के चिंग्दुपुरा गांव में संतलोक पाल महाराज आश्रम बरवाला जिला हिसार से जुड़े सुरेश दास की बेटी भक्तमति लक्ष्मी का विवाह था।
पूरे गांव में कौतूहल का विषय था, अमूमन लोगों ने जो शादियां देखी थीं, उनमें में बारात भी निकलती थी और भात पछ भी होता था। इसके विपरीत यहां कोई गाना बजाना नहीं हो रहा था, कोई फिजूल खर्ची नही थी वर व वधू पक्ष ने एक साथ एक ही स्थान पर अपने-अपने सगे संबंधियों को आमंत्रित किया।
सत्संग के मध्यम से भक्तगण उपस्थित हो गए और संत रामपाल के छायाचित्र के आगे लडक़ा लडक़ी बैठे तथा पंडित द्वारा रक्षा सूत्र बांधा गया। इसके बाद रमैनी हुई और मात्र 17 मिनट मे शादी संपन्न हो गई।
हिसार जिले के बरवाला गांव में स्थित संत रामपाल महराज के आश्रम से अनेक लोग जुड़े हुए हैं। कबीरपंथी पद्धति से जिले में कई शादियों हो चुकी हैं, लेकिन गोहद में यह प्रथम शादी थी। इस आश्रम से जुड़े भक्त गण सत्संग मे मिलते हैं और वहीं संबंध तय हो जाते हैं।
चिंग्दुपूरा निवासी सुरेश दास की लडक़ी लक्ष्मी की शादी एक वर्ष पूर्व भिण्ड निवासी रानादास के लडक़े गोपीदास के साथ तय हुई थी। रामपाल महाराज का मानना है कि जीव हमारी जाति है, मानवता हमारा धर्म है।
उन्होंने दहेज प्रथा और मृत्यु भोज को समाप्त करने का भी आह्वान किया और उनका मानना है कि इससे फिजूलखर्ची रुकेगी। इस शादी में कार्ड भी नाम मात्र के छपे थे जो सिर्फ रिश्तेदारों मे वितरित किए गए।
शादी में आश्रम से जुड़े भक्तगण सिर्फ सूचना पर उपस्थित हुए। शादी रूपदास द्वारा संपन्न कराई गई। यहां ग्वालियर आश्रम से निर्मलदास, भिण्ड से हकीमदास आदि उपस्थित हुए।
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