नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बंद करने के ऐलान के बाद के महज 14 दिन में जन धन खातों में जमा रकम में करीब 27,200 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है।
करीब 25 करोड 68 लाख जन धन खातों में कुल जमा राशि 70,000 करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर चुकी है और बीते 23 नवंबर को यह आंकडा 72,834.72 करोड रुपए था।
9 नवंबर को इन खातों में 45,636.61 करोड़ रुपए जमा थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आठ नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद जन धन खातों में 27,198 करोड रुपए जमा हुए हैं। बहरहाल, 25 करोड़ 68 लाख जन धन खातों में से 22.94 फीसदी खातों में अब भी एक रुपया नहीं है।
मालूम हो कि जन धन खातों में जमा करवाई गई राशि में अधिकतर राशि कर्नाटक, यूपी और पश्चिम बंगाल में लोगों के जन धन खातों में जमा कराई गई है।
आरोप लग रहे हैं कि कई खातों में ब्लैक मनी खपाई गई है। इसी के चलते अचानक इतनी बड़ी तादाद में लोगों ने खातों में राशि जमा कराई है।
हर परिवार को बैंक खातों से जोड़ने के लिए मोदी सरकार की जन धन वित्तीय समायोजन योजना के तहत कुल 24 करोड़ बैंक खाते खोले गए थे। सरकार का मकसद था कि हर घर को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा जाए और लेनदेन बैंकों के माध्यम से हो।
8 नवंबर को पीएम मोदी की 500 और 1000 रुपए के नोट अमान्य घोषित किए जाने के बाद से बैंकों के बाहर लंबी लाइनों लगनी शुरू हो गई। पुराने नोटों को जमा करने और बदलने के लिए भारी अफरातफरी मची है।
हालांकि अब शहरी इलाकों में स्थिति सुधरी है लेकिन ग्रामीण इलाकों में परेशानी बनी हुई है। इस दौरान जन धन खातों में जमा करवाई गई राशि कई गुना तक बढ़ गई।
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