नई दिल्ली। राजनीतिक पार्टियों को विदेशी चंदा मामले की सुनवाई के दौरान कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने भी अपील वापस ली है।
पिछली सुनवाई के दौरान दोनों पार्टियों ने कहा था कि केंद्र सरकार ने एफसीआरए एक्ट में संशोधन किया है। नए संशोधन के लागू होने के बाद इस याचिका पर सुनवाई के मायने बदल गए हैं। जिसके बाद आज दोनों ही पार्टियों ने अपनी अपील वापस ले ली।
दोनों पार्टियों ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। सुनवाई के दौरान कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर रहे कपिल सिब्बल और बीजेपी का प्रतिनिधित्व कर रहे श्याम दीवान ने जस्टिस जेएस खेहर, जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एएम खानविलकर की बेंच को बताया कि वे अपील वापस ले रहे हैं।
श्याम दीवान ने कहा कि एफसीआर में संशोधन के बाद राजनीतिक दलों को मिलने वाला चंदा विदेशी चंदा नहीं माना जाएगा। अगर चंदा देने वाली फर्म में पचास फीसदी हिस्सेदारी किसी भारतीय की हो।
वहीं कपिल सिब्बल ने कहा कि एफसीआरए में संशोधन के बाद दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला अर्थहीन हो जाता है। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पार्टियों से कहा था कि वो एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दायर कर बताएं कि एफसीआरए एक्ट में संशोधन के बाद उक्त मामले पर दायर याचिका पर आगे सुनवाई की जा सकती है या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट में ये मामला 2014 से चल रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि ब्रिटेन की कंपनी वेदांता रिसोर्सेज सब्सिडियरीज से चंदा लेकर दोनों पार्टियों ने कानून का उल्लंघन किया है। हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग और केंद्र सरकार से छह महीने के अंदर कार्रवाई करने का आदेश दिया था।