अजमेर। संगीत के माध्यम से संस्कृति से जोड़ने का एतिहासिक कार्य पद्मश्री प्रो.राम पंजवाणी ने किया। देशभर के साहित्यकार, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को जोड़कर सिन्धयत दिवस चेटीचण्ड के महत्व को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया।
उक्त विचार भारतीय सिन्धु सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवलराय बच्चाणी ने महानगर अजमेर की ओर से पद्मश्री प्रो. राम पंजवाणी की 106वीं जयन्ती के मौके पर सन्त कवंरराम धर्मशाला में प्रो. राम पंजवाणी का सिन्धी समाज में योगदान विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में कहे।
ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम के महंत स्वरूपदास ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि प्रो. राम पंजवाणी ने जीवन में ऐसे कार्य किए जिससे सदैव जयन्ती आयोजन कर याद किया जा रहा है ऐसी प्रेरणा युवाओं को लेनी चाहिए।
संगठन मंत्री मोहन कोटवाणी ने बताया कि इस अवसर पर अप्रवासी भारतीय (कनाडा) साहित्यकार शम्मी शर्मा ‘माणक’ का शॉल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह देकर अभिनन्दन किया गया।
शर्मा ने कहा कि साहित्य के माध्यम से सभी से सक्रिय जुडाव बना हुआ है और हिन्दी, अग्रेंजी व सिन्धी लेखनी से दुनिया में अपनी संस्कृति को पहुंचाने का अवसर मिला है।
प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने बताया कि राज्यभर में चल रहे सामाजिक कार्यकर्ता सम्मेलनों की श्रृखंला में आगामी 7 व 8 जनवरी को सांवलिया सेठ, मण्डाफिया, चित्तौडगढ में रखा गया है, जिसमें युवा व महिला प्रतिनिधि भी सम्मिलित होंगे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ इष्टदेव झूलेलाल, भारत माता, भगत कंवरराम व प्रो. राम पंजवानी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन से किया। गीत संगीत कार्यक्रमों में भगत घनश्याम, होतचन्द मोरियाणी, कु. मुस्कान कोटवाणी, के.जे.ज्ञानी ने प्रो. राम पंजवाणी के गीतों की सुन्दर प्रस्तुति दी।
मंच संचालन महानगर मंत्री महेश टेकचंदाणी ने किया। अध्यक्ष मोहन तुलस्यिाणी ने सदस्यता अभियान व संगठन की गतिविधियों पर विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सांई देवीदास दीवाना, थानाधिकारी दिनेश जीवनाणी, कमलेश शर्मा, भगवान पुरसवाणी, अजयनगर सिन्धी समाज के अध्यक्ष भगवान कलवाणी, साहित्यकार हरि हिमथाणी, ढोलण राही, गीता व राम मटाई, वैशाली सिन्धी सेवा समिति के अध्यक्ष जी.डी. वृंदाणी, महासचिव प्रकाश जेठरा, मुकेश आहूजा, पुष्पा साधवाणी, सुनीता भागचंदाणी, गुल छताणी, मुखी कन्हैयालाल, पार्षद मोहन लालवाणी, पूर्व पार्षद खेमचन्द नारवाणी, शंकर टिलवाणी सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।