सूरत। नोटबंदी के बाद से बैंकों के बाहर लाइन कम करने में भूमिका अदा करने वाले डाकघर शहर के लीड बैंकों को ही नहीं सुहा रहे हैं।
बैंकों की ओर से सहयोग नहीं मिलने से कई जगहों पर डाकघरों में लोगों को नोट बदलने और निकालने में दिक्कत का सामना करना पड़ा। जब छोटे जगहों पर बैंकों ने डाकघरों को रुपए देने से इनकार या टालमटोल किया तो थककर डाकघरों को ही इसकी व्यवस्था खोजनी पड़ी।
बड़े नोटबंदी के बाद कई जगहों पर बैंक और डाकघर आमने-सामने हो गए। विशेष रूप से शहर के दूर के डाकघरों को वहां के निकटवर्ती लीड बैंकों ने सहयोग नहीं किया। सूरत डिवीजन के पोस्ट अधिकारी के अनुसार उन्हें सूरत के नानपुरा से कई जगहों पर राशि भेजनी पड़ी। समीपवर्ती लीड बैंकों ने उनके कई डाकघरों को रुपए देने से इनकार कर दिया। इस वजह से उन्हें रुपए भेजने से लेकर रुपए लाने तक की व्यवस्था अपने डाक विभाग की गाड़ी में करनी पड़ी।
लोगों को उठानी पड़ी परेशानी
शहर से दूर क्षेत्रों में लोगों को नोट बदलने के लिए शहर नहीं आना पड़े, इसके लिए स्थानीय बैंकों के साथ ही डाकघरों में भी यह व्यवस्था की गई थी। शुरू के कुछ दिन तो बैंकों से रुपए आने में देरी होती थी, लेकिन जब सुचारू ढंग से रुपए आने लगे तो भी निकटवर्ती बैंकों ने डाकघरों को रुपए नहीं दिए। इस वजह से डाकघरों में नोट बदलने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
लोगों की यह भीड़ विवश होकर बैंकों की ओर मुड़ी। पोस्ट अधिकारी का कहना है कि उन्होंने इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को दी, इसके बाद भी उन बैंकों ने उन्हें सहयोग नहीं किया। इसका परिणाम हुआ कि कीम, कोसंबा, झंखवाव, सायण और मोसाली आदि जगहों पर उन्हें नानपुरा एचओ से रुपए भेजने पड़े और लोगों के जमा हुए बड़े नोट अपनी ही गाड़ी से वापस नानपुरा एचओ लाने पड़े।
पांच दिनों में करोड़ों रुपए जमा
नोटबंदी के बाद से डाकघरों में अब तक करोड़ों रुपए जमा हो चुके हैं। शुरू-शुरू में लोगों ने लघु बचत योजना में भी बड़े नोट डालने शुरू कर दिए थे, सरकार के ध्यान में आने के बाद इस पर रोक लगाते हुए सिर्फ सेविंग अकाउंट में बड़े नोट जमा कराने छूट दी गई। इस घोषणा के बाद पिछले चार दिनों में करीब 30 करोड़ रुपए जमा हुए। इसमें 25 नवंबर को 9, 05,7000, 26 को 6,46, 03,500, 28 को 7,41,97,500 और 29 को 7,02,64,500 रुपए बड़े नोट जमा हुए।
लीड बैंक ही पीछे
सुदूरवर्ती क्षेत्रों में लीड बैंक ही डाकघरों को सहयोग नहीं कर रहे हैं। शहर के समीप से लेकर झंखवाव तक के कई क्षेत्रों में वहां के बैंक रुपए नहीं देते जिससे वहां नानपुरा एचओ से व्यवस्था करनी पड़ रही है। बैंकों के असहयोग के कारण हमें गाड़ी से रुपए भेजने से लेकर पुराने बड़े नोट वापस नानपुरा लाने पड़ रहे हैं।
मीता शाह, एसएसपी, नानपुरा हेड पोस्ट ऑफिस