सूरत। विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय और महाविद्यालय की फीस चुकाने में परेशान नहीं होना पड़ेगा। राज्य शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को फीस को लेकर कैशलेस सुविधा लागू करने का आदेश दिया है।
विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों को सारे व्यव्यहार ऑनलाइन करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए ऑनलाइन पेमेन्ट, ई-वोलेट और पीएसओ मशीन की सुविधा जल्द शुरू करने का आदेश दिया गया है।
विश्वविद्यालय के विभागों और महाविद्यालयों में दूसरा शैक्षणिक शुरू हो गया है। दूसरे शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होने के बाद केन्द्र सरकार ने 500 और 1000 के नोटबंद कर दिए। इसकारण पाठ्यक्रम की फीस, परीक्षा फीस और अन्य कई तरह की फीस भरने में दुविधा खड़ी हुई।
छात्र संगठनों ने विद्यार्थियों से 500 और 1000 के नोट फीस में लेने की सुविधा प्रदान करने की मांग की। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने बंद नोट नहीं स्वीकारने का आदेश जारी किया। सभी संबद्ध महाविद्यालयों को इस आदेश का पालन करने की सूचना दी गई।
नोटबंद हो जाने के कारण विद्यार्थी फीस चुकाने को लेकर परेशान होने लगे। इसलिए राज्यशिक्षा विभाग ने फीस को लेकर केशलेस सुविधा लागू करने का निर्णय किया है।
ऑनलाइन होंगे ट्रांजेक्शन
विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों को आदेश दिया गया है कि सभी तरह की फीस ऑनलाइन स्वीकार करनी होगी। इसके लिए मशीनों की व्यवस्था जलद करली जाए। इसके साथ विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों को भी अपने सभी व्यव्यहार केशलेस प्रणाली से ही करने होंगे।
31 दिसंबर तक यह व्यवस्था लागू कर देने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ वेबसाइट पर ऑनलाइन पेमेन्ट की जानकारी जारी करनी होगी, जिससे विद्यार्थी या अन्य किसी को ओनलाइन व्यव्हार करने में परेशानी ना हो। इस संदर्भ में 15 दिनों के अंदर शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों से रिपोर्ट मांगी है।
विश्वविद्यालय अनुदान और फेलोशीप अब कैशलेस
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से विश्वविद्यालयों को मिलने वाला अनुदान और छात्रों को मिलने वाली फेलोशीप अब केशलेस होगी। व्यव्हार में पारदर्शिता लाने के विए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने केशलेस सुविधा लागू करने का निर्णय किया है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से विश्वविद्यालयों को अनुदान मिलता है। परिसर विकास नए पाठ्यक्रमों और अन्य सुविधाओं के लिए अनुदान प्रदान किया जाता है। इसके साथ पीएचडी और एमफील करने वाले विद्यार्थी, शोध करने वाले प्राध्यापकों को फेलोशीप और अनुदान प्रदान किया जाता है।
अब यह सारे व्यव्हारों में केशलेस प्रणाली लागू करने का निर्णय किया गया है। इसके लिए यूजीसी ने पब्लीक फाइंनान्स मैनेजमेंट सिस्टम लागू की है। इस प्रणाली के आधार पर व्यव्हार किया जाएगा।
विश्वविद्यालयों को भी कैशलेस प्रणाली अपनाने का आदेश दिया गया है। यूजीसी फेलोशीप और स्कोलरशीप डायरेक्ट बेनिफीट ट्रांस्फर प्रणाली से प्रदान करेगा। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को आदेश दिया गया है कि सभी तरह के व्यव्हार चेक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड से किए जाए। इसके अलावा ड्राफ्ट और केश ट्रांस्फर सुविधा का उपयोग किया जा सकता है।