मालदा। इंग्लिशबाजार नगरपालिका के चेयरमैन पद से कृष्णनेंदु चौधरी ने इस्तीफा देने के साथ एक विवाद को जन्म दिया। उन्होंने पद से हटने से ठीक पहले पानी का टैक्स हटा दिया तथा अस्थायी कर्मचारियों के वेतन में तीन गुना बढ़ोतरी की घोषणा की।
उनके साथ नगरपालिका के पांच पार्षद सुब्रत सरदार, प्रसन्नजीत दास, सुस्मिता घोष, रूनू दास व अशोक दास मौजूद रहे। चौधरी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के मालदा जिला पर्वेक्षक शुभेंदु अधिकारी के कहने पर उन्होंने पद छोड़ दिया है।
वह पहले भी पदत्याग करने के लिए तैयार थे, लेकिन वह स्थायी व अस्थायी 1600 कर्मचारियों के भविष्य को देख रहे थे। क्योंकि उनके पहले पद छोड़ देने से कर्मचारी मुश्किल में पड़ जाते। उन्होंने कहा कि बुधवार को नगरपालिका बोर्ड की बैठक थी। उसमें 11 पार्षद मौजूद थे।
उनकी उपस्थिति में जल कर हटाने व अस्थायी कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने का निर्णय हुआ है। उन्होंने कहा कि नगरपालिका की आर्थिक हालत को देखते हुए अब तक पानी पर टैक्स लिया जा रहा था। वहीं अस्थायी कर्मचारी प्रतिदिन 58 रूपए की मजदूरी पर काम कर रहे थे। उनके वेतन वृद्धि की मांग लंबे समय से हो रही थी।
उन्होंने बताया कि ग्रुप सी के कर्मचारियों का वेतन छह हजार रूपए तथा ग्रुप डी के कर्मचारियों का वेतन आठ हजार रूपए किया गया है। वहीं कृष्णनेंदु के धूर विरोधी माने जाने वाले पूर्व उप चेयरमैन बाबला सरकार ने कहा कि पार्षदों को बताए बिना उन्होंने इस तरह के निर्णय कैसे ले लिए।
पद पर रहते हुए उन्होंने इस तरह के फैसले क्यों नहीं लिये। जबकि सच्चाई यह है कि जल कर राज्य के किसी नगरपालिका में नहीं लिया जाता है, यह सिर्फ इंग्लिशबाजार नगरपालिका में ही लागू था। उल्लेखनीय है कि इस निर्णय से प्रति महीने इंग्लिशबाजार नगरपालिका पर 50 लाख रूपए का आर्थिक बोझ बढ़ गया है।