नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की टेस्ट क्रिकेट से तत्काल प्रभाव से संन्यास लेने की घोषणा जितनी चौंकाने वाली है उतनी ही रहस्यपूर्ण भी।
खासकर “तत्काल” शब्द ही कई सवाल और संशय पैदा कर देता है। पहले टेस्ट में अनुपस्थित रहे धोनी को क्या संन्यास की घोषणा करने के लिए ही मेलबर्न भेजा गया या दूसरे या तीसरे मैच में यदि भारत को जीत मिल जाती तब भी क्या धौनी संन्यास लेते।
बहरहाल, बात जो भी हो लेकिन धोनी ने अनिल कुंबले से टेस्ट कप्तान की जिम्मेदारी लेने के बाद जिस तरह उसे निभाया और टीम इंडिया को एक समय विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर ले गए, उसकी तारीफ होनी चाहिए।
धोनी की कप्तानी में भारत ने 60 मैच खेले और 27 में उसे जीत मिली। विदेशी दौरे पर हालांकि भारत का प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा और 30 में से 15 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। पिछले दो-तीन वर्षो से टेस्ट में टीम इंडिया जूझती ही नजर आई।
इसके साथ ही टी-20 विश्व कप जीतने के बाद उन्हें मिले “कैप्टन कूल” के नाम को भी लोग भूलते चले गए। झारखंड की राजधानी रांची से निकलकर दुनिया के महानत क्रिकेट खिलाडियों में अपना नाम शुमार कराने वाले धोनी युवाओं के बीच फैशन स्टेटमेंट भी बने।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के समय उनके लंबे बालों ने खूब चर्चा बटोरी। पाकिस्तान दौरे के समय तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने भी रावलपिंडी में धोनी के बालों की तारीफ की उन्हें इसे कभी न कटाने की नसीहत दी। बाद में हालांकि धोनी ने अपने बालों का स्टाइल भी बदल लिया। इस बीच उनके बाइक प्रेम और तमाम विज्ञापनों ने भी खूब चर्चा बटोरी।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के निवार्सित चल रहे अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन की सिमेंट कंपनी में बतौर उपाध्यक्ष उनकी भूमिका बहुत लोगों को जरूर पसंद नहीं आई। धोनी इंडिया सीमेंट्स के स्वामित्व वाले चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान भी हैं। बहरहाल, हितों के टकराव का यह मामला सर्वोच्च न्यायालय के सम्मुख है।