नई दिल्ली। भारतीयों विशेषकर युवाओं के जीवन में गहरी पैठ बना चुका सोशल मीडिया इस वर्ष कई राजनीतिक, सामाजिक एवं वैज्ञानिक बदलावों का गवाह बना। युवाओं की कुंद होती आवाज को धार देने वाले सोशल मीडिया ने तो राजनीति का परिदृश्य ही बदलकर रख दिया। आज का युवा राजनीतिक मामलों पर चुप नहीं रहता बल्कि सत्तासीनों को अपनी आवाज पहुंचाने का दम रखता है।
चंद दिनों में लोक प्रियता के चरम पर पहुंची आम आदमी पार्टी ने फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों का इस्तेमाल कर पारंपरिक राजनीति की कमर ही तोड़ कर रख दी। इसने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी जैसे राजनीतिक दलों को सोशल मीडिया के सहारे जनता तक पहुंचने के लिए विवश कर दिया। इस वर्ष सोशल मीडिया पर लोकसभा चुनावों में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी सबसे ज्यादा चर्चा में रहे। मोदी देश विदेश के अलावा सोशल मीडिया पर भी छाए रहे। उनके फेसबुक फोलोअर्स की संख्या दो करोड़ को भी पार कर गई और अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बाद मोदी सोशल मीडिया पर विश्व के दूसरे लोकप्रिय नेता रहे।
मोदी ने फेसबुक टि्वटर पर बडा प्रचार अभियान चलाकर यूजर्स के बडे तबके का वोट खींचा। आज हर राजनीतिज्ञ का अपना आधिकारिक टि्वटर अकांउट है और लगभग सभी मंत्रालय और विभाग टि्वटर के माध्यम से जनता के समक्ष अपनी बात रखते है तथा जनहित में सूचनाएं जारी करते हैं।
इस वर्ष मंगलयान भी सोशल मीडिया पर खूब छाया रहा और देशवासियों ने भी भारतीय अनुसंधान संगठन. की इस कामयाबी पर फख्र किया। मंगलयान ने जब मंगल की कक्षा में प्रवेश किया तो उसे फेसबुक पर दो लाख लाइक मिले। मोदी का स्वच्छ भारत अभियान भी सोशल मीडिया पर हिट रहा। हाथ में झाडू लिए सफाई करते हुए फोटो खींचकर फेसबुक, व्हाटसएप और इंस्टाग्राम पर डालने की होड़ लग गई। सोशल मीडिया ने न केवल राजनीति में अपना लोहा मनवाया बल्कि वह सामाजिक परिवर्तन का भी हथियार बना।
दिल्ली के इंडिया गेट से अगवा की जाह्न्वी के लिए जब फेसबुक पर व्यापक मुहिम चलाई गई तो अपहरणकर्ताओं ने डर के मारे खुद ही उसे छोड़ दिया। राजधानी में पूर्वोत्तर के एक छात्र की हत्या की गूंज भी सोशल मीडिया पर सुनी गई। लाखों लोगों ने फेसबुक पर इस घटना की आलोचना करते हुए क्षेत्रीय भेदभाव क ो कठघरे में खड़ा किया।
महिलाओं के साथ हिंसात्मक घटनाओं को लेकर भी जनता का आक्रोश सोशल मीडिया पर फूटा और हाल ही दिल्ली में एक कैब में एक युवती के साथ हुई बलात्कार की घटना को लेकर लोग सड़कों पर उतर गए। सोशल मीडिया यूजर्स ने इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड सीरिया, बोको हरम तथा पेशावर हमले की भी कड़ी निंदा की। पेशावर हमले में मारे गए 132 मासूम बच्चों को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों ने फेसबुक और व्हाट्सएप पर अपनी डिस्प्ले पिक्चर में कैंडल लगाई और आतंकवादियों की क्रूरता की निंदा की।
न्यू मीडिया पर विभिन्न खेल और खिलाडियों ने भी सुर्खिया बटोरी। इंचियोन एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली महिला मुक्केबाज एम सी मैरीकाम के जज्बे को सभी ने सलाम किया तो वहीं पदक ठुकराने की हरकत के कारण प्रतिबंध झेलने वाली सरिता देवी के साथ पूरा सोशल मीडिया आ खड़ा हुआ। भारत ने एशियाई खेलों में चिर प्रतिद्व ंदी पाकिस्तान को हराकर जैसे ही हाकी का स्वर्ण जीता तो सोशल मीडिया लोगों लोगों के बधाई संदेशों से पट गया। आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिलिप ह्यूज की बांउसर से हुई मौत का मामला भी सोशल मीडिया पर खूब छाया। शांति का नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले भारत के कैलाश सत्यार्थी भी काफी चर्चा में रहे। उनके साथ ही संयुक्तरूप से शांति का नोबेल पुरस्कार पाने वाली पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई तो पूरे वर्ष सोशल मीडिया पर छाई रही।
एंटरटेनमेंट का तड़का भी सोशल मीडिया पर खूब लगा। क ामेडीनाइट विद कपिल से देश दुनिया में धूम मचाने वाले कपिल शर्मा ने फेसबुक पर पर फोलोअर्स के मामले में शाहरूख खान और सलमान खान को भी पीछे छोड़ दिया। कपिल के फेसबुक पेज पर फोलोअर्स की संख्या एक करोड़ के आंकडे को भी पार कर गई। वहीं आमिर खान की फिल्म पीके के ट्रांजिस्टर वाले पोस्टर की भी न्यू मीडिया पर खूब चर्चा हुई। सोशल मीडिया ने जहां लोगों को सशक्त बनाया वहीं उसके कई नकारात्क प्रभाव भी रहे। साइबर बुलिंग ने बच्चों पर काफी प्रभाव डाला। ऎसी रिपोर्टे भी आई जिसमें सोशल मीडिया पर नजरअंदाज किए जाने पर युवा वर्ग मानसिक अवसाद की स्थिति में पहुंच रहा। साइबर सेंध भी सोशल मीडिया के लिए सिरदर्दी बनी रही।