अजमेर। रंग बिरंगे परिधानों में सजे नन्हें बच्चे, स्टेज पर पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी प्रस्तुति देते बाल कलाकार। दर्शकों से खचाखच भरा स्कूल का प्रांगण। यह नजारा है मालियान सैनी पब्लिक स्कूल के तीसरे वार्षिकोत्सव का।
स्वागत गीत के साथ कार्यक्रम का आगाज हुआ। इससे पहले आगंतुक अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर व दीज प्रज्जवलित किया।
अनेकता में एकता का संदेश देती नाटिका की प्रस्तुति के जरिए सर्वधर्म समभाव की भावपूर्ण प्रकटीकरण किया गया। प्राइमरी कक्षा के बच्चों की इस सजीव प्रस्तुति को देख अभिभावकों ने तालियों की गडगडाहट कर दाद दी।
स्कूल में अध्ययनरत एलकेजी और एचकेजी के बच्चों ने राजस्थानी गीत पर नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी।
सर्वधर्म समभाव से ओतप्रोत गीत ईद का त्योहार है ये खुशियों का त्योहार ईद मुबारक गीत पर नृत्य की प्रस्तुति दी।
महापौर धर्मेन्द्र गहलोत का विद्यालय समिति के सचिव रामरतन टांक ने पुष्पाहार पहनाकर और बुके देकर सम्मान किया। भामाशाह त्रिलोक इंदौरा का भी मंच पर सम्मान कर बहुमान किया गया।
इंदौरा ने विद्यालय की प्रगति पर खुशी जताते हुए कहा कि स्कूल में बच्चों की संख्या बढ रही है। नए क्लासरूम नए बन रहे हैं। पानी की समस्या के निदान के लिए बोरिंग कराया गया है। लाने ले जाने के लिए वेन खरीद की गई है। 15 राष्ट्रीय दिवसों पर आयोजन होने लगे हैं। भविष्य में विद्यालय जो भी सहयोग चाहेगा देंगे।
स्कूल में तीन कक्षा कक्ष बनाए जाने हैं, इनमें से एक क्लासरूम अपनी स्वर्गीय बेटी की याद में बनवाने के लिए एक रूम बनवाने की जिम्मेदारी लेता हूं। इंदौरा ने इसके लिए मौके पर ही एक लाख 51 हजार रुपए देने की घोषणा की।
महापौर धर्मेन्द्र गहलोत ने विद्यालय परिवार को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कभी इस स्कूल का बहुत नाम हुआ करता था। निजी स्कूलों की जब भी बात होती थी तो मालियान स्कूल का नाम जरूर आता था। बीच में कुछ ऐसा काल खंड आया स्कूल ने अपने अस्तित्व ने खोया। लेकिन यह कालखंड ज्यादा समय नहीं रहा और स्थानीय समाबंधुओं के प्रयासों से स्कूल फिर चल पडा, चला ही नहीं बल्कि बेहतर तरीके से अंग्रेजी माध्यम से चलने लगा है।उन्होंने कहा कि किसी स्कूल की पहचान भव्य भवन सुविधाओं से नहीं होती बल्कि पढाने वाले शिक्षकों की मेहनत पर होती। बेहतर प्रयास के परिणाम अच्छे ही आते हैं।
राजस्व मंडल के चैयरमेन ओपी सैनी ने कहा कि जीवन में संघर्ष कैसे करना है यह बात सबसे पहले सिखायी जानी चाहिए। प्रतिस्पर्धा का जमाना है। समय के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी बदलाव हो रहे हैं। इसके अनुरूप बच्चों को तैयार किया जाना जरूरी हो गया है। उन्होंने बच्चों को नसीहत देते हुए कहा कि कोई भी काम करें तो वरिष्ठजन का परामर्श लेवें। पढाई के साथ सिविल डिफेंस जैसे सेवा क्षेत्रों से जुडें। आत्मरक्षा के गुर सीखें साथ ही घर में भी सहयोगी बनें।
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक सुशील कुमार गहलोत, वरिष्ठ अभियंता यांत्रिकी उत्तर पश्चिम रेलवे धर्मेन्द्र चौहान, समाजसेवी सुनील भाटी, सुभाष गहलोत, महेश चौहान, राजेश जादम, सुनीता चौहान, मानकंवर मारोठिया, कांग्रेस वार्ड 36 अध्यक्ष बालमुकंद टांक का भी बहुमान किया गया।है।