लखनउ। नोटबंदी के बाद बैंकों और एटीएम की लाइन में लगने से जान गंवाने वाले लोगों के आश्रितों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बडा ऐलान किया है। बुधवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ऐसे लोगों के परिजनों के दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अलीगढ में रहने वाली रजिया की मृत्यु भी नोटबंदी के दौरान हो गई थी। मुख्यमंत्री ने उसकी मृत्यु पर दुख जताते हुए उसके परिजनों को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता को अपनी ही धनराशि को प्राप्त करने के लिए इस प्रकार बैंकों एवं एटीएम की लाइन में लग कर पैसा निकालने का प्रयास करना और उस पर भी सफल न हो पाना अत्यन्त कष्टप्रद है।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि रजिय अपने कारखाने से मजदूरी के रूप में प्राप्त 500-500 के छह नोट बदलवाने के लिए अपने नजदीकी बैंक में लगातार तीन दिन तक कोशिश करती रहीं, लेकिन वह नोट बदलने में सफल नहीं हो पायीं। इस पर आर्थिक रूप से कमजोर श्रीमती रजिया ने दुःखी होकर अपने आप को आग लगा ली।
रजिया का जिला अस्पताल, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज, अलीगढ़ के बाद सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली में इलाज चला। नई दिल्ली में इलाज के दौरान चार दिसम्बर को उनकी मृत्यु हो गई। मुख्यमंत्री ने उनके परिवार की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए उनके परिजन को पांच रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नोट बंदी के फलस्वरूप बैंकों एवं एटीएम की लाइन में लगे लोगों की मौत दुखद है। उन्होंने ऐसे सभी कमजोर आर्थिक स्थिति वाले लोगों को परीक्षण के बाद मुख्यमंत्री सहायता कोष से दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।