नई दिल्ली। संसद में नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्षी एकजुटता तीन तलाक के मुद्दे पर टूटती दिख रही है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को तीन तलाक पर कड़ी टिप्पणी करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है।
कोर्ट ने कहा कि कोई भी पर्सनल लॉ संविधान से ऊपर नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देना क्रूरता की श्रेणी में आता है। कांग्रेस ने जहां इस फैसले से महिलाओं के सुरक्षा की बात कही है, वहीं सपा ने इसे संदेवनशील मामला बताते हुए कहा है कि सब कुछ संविधान से निर्धारित नहीं हो सकता।
सपा नेता अमर सिंह ने कहा है कि इस फैसले का यूपी चुनाव पर भी असर होगा, लेकिन हम इसे लागू नहीं होने देंगे। संसद भवन परिसर में इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी और सपा नेता अमर सिंह के बीच तू-तू मैं-मैं भी हो गई।
एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में दोनों नेताओं के बीच जमकर तकरार हुई। अमर सिंह ने तीन तलाक पर अपना मत रखते हुए कहा कि कृष्ण भगवान की 16 रानियां थीं। राजा दशरथ की तीन रानियां, पहले महाराजाओं की अनेक रानियां होती थी। क्षत्रियों में ये परम्परा रही है कि राजा हारा तो रानी दे दी, हिंदू धर्म बेहद उदार है।
मुसलमानों की शरीयत संवेदनशील है। इस पर कोई हमारे जैसा व्यक्ति बयान दे, यह सही नहीं है। सिंह के इस बयान पर कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा कि पुराने जमाने की कहानी मत सुनाइये, इससे तीन तलाक का कोई मतलब नहीं है।
एक पुरुष को अधिकार दे रहे कि वह फोन पर बोले और तलाक ले ले और हमारा जीवन तबाह हो जाए। महिलाओं के हक में मर्यादा रखनी चाहिए। सिंह ने कहा कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट जाएगा। इस पर चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जाने दीजिए। परलोक जाने दीजिए। सती से लेकर महिलाओं के हक के लिए राजा राम मोहन राय नाम का एक आदमी खड़ा रहा। उसकी वजह से लोग जिंदा हैं।
सपा नेता ने इस मुद्दे पर संजीदगी बरतते हुए कहा कि एक राजनेता होने के कारण एक बड़े समुदाय के बारे में मैं विचार प्रकट करूंगा तो उनकी कमेटी में, पर चैनल में नहीं बोल सकूंगा। मैं एक दल का महासचिव हूं। मैं कुछ बोलूंगा तो पूरे दल पर लागू होगा। इस पर रेणुका ने कहा कि यह मेरी भी अपनी राय है किन्तु अमर सिंह से मैं सहमत नहीं हूं।
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