नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में नोटबंदी पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने चीफ जस्टिस टी. एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा कि नोटबंदी को लेकर हालात किसी तरह बिगड़े नहीं हैं।
किसी गरीब ने यह याचिका नहीं लगाई कि निकासी की सीमा चौबीस हजार से बढ़ाई जाए। रोहतगी ने कहा कि सरकार हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठी है और 10-15 दिनों में हालात सामान्य हो जाएंगे।
नोटबंदी का सरकार का फैसला संवैधानिक रूप से सही है कि नहीं इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने नौ प्रश्न तय किए जिनके तहत वह इस मसले पर फैसला करेगा।
ये प्रश्न हैं –
1. क्या नोटबंदी का फैसला रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा 26(2) का उल्लंघन है, जिसमें कहा गया है कि केंद्रीय बोर्ड की मंजूरी से ऐसा किया जा सकता है और किसी सीरीज के नोटों को बंद किया जा सकता है।
2. क्या नोटबंदी का 8 नवम्बर और उसके बाद के नोटिफिकेशन असंवैधानिक हैं?
3. क्या नोटबंदी संविधान से मिले समानता के अधिकार और व्यवसाय करने की आजादी जैसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हैं?
4. क्या नोटबंदी के फैसले को बिना तैयारी लागू किया गया?
5. क्या बैंकों और एटीएम से पैसे निकालने की सीमा तय करना लोगों के अधिकारों का हनन है?
6. क्या जिला सहकारी बैंकों में पुराने नोट जमा करने और नए रुपए निकालने पर रोक सही नहीं है?
7. क्या कोई राजनीतिक पार्टी सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर सकती है?
8. क्या कोर्ट बैंक से पैसे निकालने की कोई न्यूनतम सीमा तय करे जो पूरे देश में लागू हो और कोई भेदभाव ना रहे?
9. क्या सरकारी अस्पतालों में पुराने नोटों के चलने की सीमा बढ़ाई जा सकती है?
नोटबंदी पर अगली सुनवाई 14 दिसम्बर को होगी जिसमें सरकार को इन सारे सवालों के जवाब देने होंगे। सुप्रीम कोर्ट के पूछे गए सवालों पर सरकार ने कहा कि नोटबंदी से काले धन के खिलाफ लड़ाई लड़ने और और टेरर फंडिंग रोकने में मदद मिलेगी।
कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले को पांच जजों की बेंच के पास भेज सकता है। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील पी. चिदंबरम ने कहा कि रुपयों की निकासी की सीमा खत्म होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पांच सौ और एक हजार के पुराने नोटों के रूप में रिजर्व बैंक के पास बारह लाख करोड़ रुपए आए, लेकिन उसने केवल तीन लाख करोड़ रुपए के नए नोट डाले जिससे गंभीर संकट पैदा हो गया है।
इसपर अटार्नी जनरल ने कहा कि परिवार का हर सदस्य एक सप्ताह में चौबीस हजार रुपए निकाल सकता है। तब चिदंबरम ने कहा कि हर परिवार में पांच बैंक खाता नहीं है।
कई परिवारों में एक ही बैंक खाता हो सकता है और उस परिवार का दिल्ली में दो हजार रुपए में गुजारा नहीं हो सकता। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने अगले हफ्ते तक यह जानना चाहा कि क्या निकासी की सीमा चौबीस हजार रुपए से बढ़ाई जा सकती है।
चिदंबरम ने कहा कि सरकार को पर्याप्त रूप से नए नोटों की छपाई में ही पांच महीने लग जाएंगे। एक याचिकाकर्ता की ओर से प्रशांत भूषण ने कहा कि एटीएम रिकैलिब्रेट नहीं हुए हैं। लोग नोटों की कमी से परेशान हैं।
उन्होंने कोऑपरेटिव सोसायटी को हो रही परेशानियों को कम करने के लिए दिशानिर्देश देने का आग्रह किया। लेकिन केंद्र ने कहा कि कोऑपरेटिव सोसायटी को पुराने नोट लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
बैंकों और एटीएम में लाइन में लगने से हुई मौतों पर अटार्नी जनरल ने कहा कि पैसे नहीं होने की वजह से ये मौतें नहीं हुई हैं, ये केवल राजनीति है। आप एटीएम के बाहर जाकर देखिए, कोई लाइन नहीं है।
नोटबंदी पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील एक साथ बोलने लगे। वे चाहते थे कि कोर्ट उन्हें सुने। इससे चीफ जस्टिस दुखी होकर बोले, यह तो मछली बाजार हो गया है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि वह 23 साल कोर्ट में जज के पद पर रहे हैं और आज तक उन्होंने ऐसा दृश्य नहीं देखा, वह भी नोटबंदी जैसे महत्वपूर्ण मसले पर सुनवाई के दौरान। वह एक सप्ताह और जज के पद पर हैं और भारी मन से जा रहे हैं।
उन्होंने वरिष्ठ वकील पी. चिदंबरम का उदाहरण देते हुए कहा कि वह धैर्यपूर्वक अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे हैं। हालांकि आज अटार्नी जनरल भी वकीलों के सवालों के जवाब जोर-जोर से दे रहे थे जिसपर कपिल सिब्बल ने चुटकी लेते हुए कहा कि हमारे काबिल दोस्त से चिल्लाने में कोई नहीं जीत सकता।
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