देहरादून। भारतीय सेना को परम्परागत और गैर परम्परागत चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। दुनिया तेजी से बदल रही है। नई टेक्नाॅलाॅजी के साथ ही सैन्य रणनीतियां भी अब तेजी से बदल रही है।
देश की आन-बान और शान को लेकर पूरी दुनिया में अपनी निष्ठा और समर्पण के लिए मशहूर भारतीय सेना को भी सभी तरह की चुनौतियों से निपटने को तैयार रहना होगा।
यह कहना है भारतीय सेना के उपसेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल एनपीएस हीरा का। जनरल हीरा शनिवार को यहां भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के वार्षिक पासिंग आउट परेड (पीओपी) में परेड की सलामी लेने के बाद नव सैन्य अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
आज भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में अंतिम पग भरते ही 401 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही 53 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए।
उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनपीएस हीरा ने परेड की सलामी ली। भारत माता तेरी कसम तेरे रक्षक बनेंगे हम, आईएमए गीत पर कदमताल करते जेंटलमैन कैडेट ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे तो लगा कि विशाल सैनिकों का महासागर उमड़ आया है।
एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हरेक शख्स के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे। उपसेनाध्यक्ष ने कैडेट्स को ओवरऑल बेस्ट परफॉर्मेंस व अन्य उत्कृष्ट सम्मान से भी नवाजा।
सुबह आठ बजकर 57 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ। कंपनी सार्जेट मेजर ललित उपमन्यु, मोहित सैनी, विकास, अभिषेक, अभिजीत, अनिल गंगोला, प्रसून कुमार व यानराज ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली।
प्रत्यूष कुमार मोहंती को स्वार्ड ऑफ ऑनर प्रदान की गई। मल्ला राम गोपाल नायडू को स्वर्ण और सूयश गुप्ता को रजत पदक मिला। प्रत्यूष कुमार मोहंती को कांस्य पदक प्रदान किया गया। जबकि दीपक सिंह ने सिल्वर मेडल (टीजी-यूईएस) हासिल किया।
जार्ज प्रिंस कार्की सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट चुने गए। चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ बैनर अलामिन कंपनी को मिला। एडवांस कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढाते मल्ला राम गोपाल नायडू की अगुवाई में परेड के लिए पहुंचे।
इसके बाद परेड कमांडर प्रत्यूष मोहंती ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली। कैडेट्स के शानदार मार्च पास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठा हर एक शख्स मंत्रमुग्ध हो गया।
इधर, युवा सैन्य अधिकारी अंतिम पग भर रहे थे तो आसमान से हेलीकाप्टरों के जरिए उन पर पुष्प वर्षा हो रही थी। इस दौरान कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी, डिप्टी कमांडेंट मेजनर जनरल मंदीप सिंह आदि सैन्य अधिकारी मौजूद थे।