मुंबई। बॉलीवुड एक बार फिर महाराष्ट्र के फायरब्रैंड नेता राज ठाकरे के आगे नतमस्तक नजर आया। मंगलवार शाम शाहरुख खान मुंबई के दादर में राज ठाकरे के घर पंहुचे।
मामला शाहरुख खान की आने वाली फिल्म रईस के प्रमोशन में पाकिस्तानी हीरोइन माहिरा खान के मुंबई आने का था। मुलाकात के बाद दोनों नेता घर से बाहर आए, तो मीडिया के कैमरों ने दोनों को घेर लिया।
दोनों में से किसी ने इस मुलाकात को लेकर कुछ नहीं कहा, लेकिन राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) से जुड़े सूत्रों ने इसे लेकर जो कुछ बताया, उसे सच माना जाए, तो माहिरा खान प्रमोशन के लिए नहीं आएंगी।
इतना ही नहीं, सूत्र बताते हैं कि इस मुलाकात के दौरान शाहरुख खान ने दोहराया कि अब वे आने वाली किसी भी फिल्म में किसी पाकिस्तानी कलाकार के साथ काम नहीं करेंगे, न किसी पाकिस्तानी कलाकार को अपनी प्रोडक्शन की किसी फिल्म में कभी कास्ट करेंगे।
इस मुलाकात के बाद रईस के रिलीज का रास्ता साफ हो गया है और मनसे इसे लेकर अब कोई विरोध नहीं करेगी। करण जौहर की फिल्म ए दिल है मुश्किल में पाकिस्तानी कलाकार फवाहद खान को लेकर जब मनसे ने तेवर तीखे किए थे और फिल्म को मुंबई और महाराष्ट्र में न चलने देने की धमकी दी थी।
तब मनसे की ओर से अधिकारिक तौर पर बताया गया कि इस मुलाकात में तीन बातों पर सहमति हुई। पहली बात ये थी कि ऊरी के शहीद सैनिकों को फिल्म के शुरु में श्रद्धांजलि दी जाएगी।
जिन फिल्मों में पाकिस्तानी कलाकारों ने काम किया है, रिलीज से पहले उन फिल्मों के निर्माताओं की ओर से पांच करोड़ का फंड जमा कराया जाएगा और आगे से किसी भी बॉलीवुड की फिल्म में कोई पाकिस्तानी कलाकार काम नहीं करेगा।
इसके बाद शाहरुख खान की डियर जिंदगी भी बिना किसी विरोध के रिलीज हो गई, जिसमें पाकिस्तानी कलाकार अली जाफर ने काम किया था।
इन दो फिल्मों के बाद माना जा रहा था कि रईस को लेकर मनसे कोई विरोध नहीं करेगी, लेकिन जैसे ही फिल्म के सह निर्माता और फरहान के बिजनेस पार्टनर रितेश सिधवानी ने फिल्म के ट्रेलर लांच के मौके पर कहा कि माहिरा प्रमोशन के लिए आएंगी, तो मनसे के तेवर बदल गए, जिनको शांत कराने के लिए शाहरुख खान को राज ठाकरे के घर जाना पड़ा।
ये पहला मौका था, जब अपनी किसी फिल्म के रिलीज को लेकर राज ठाकरे के घर जाना पड़ा। इससे पहले शाहरुख खान को लेकर बनी करण जौहर की फिल्म माई नेम इज खान की रिलीज को लेकर भी मनसे ने विरोधी रुख अपनाया था, तो राज ठाकरे से मिलने करण जौहर अकेले उनके घर पंहुचे थे और उस मुलाकात के बाद मनसे ने माई नेम इज खान का विरोध बंद कर दिया था।
राजनैतिक सत्ता को लेकर महाराष्ट्र में काफी कमजोर हो चुकी राजठाकरे की पार्टी हाल ही में एेसी फोर्स बनकर सामने आई है, जिसके आगे बॉलीवुड नतमस्तक होने में संकोच नहीं करता।
कुछ वक्त पहले शिवसेना इसी तरह की फोर्स मानी जाती थी, जिसने मुंबई और महाराष्ट्र में तीखे तेवरों के साथ तमाम फिल्मों का विरोध किया और शिवसेना का विरोध कई मौकों पर हिंसात्मक भी रहा।
बॉलीवुड एक जमाने में शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे के आगे नतमस्तक हुआ करता था, अब राज ठाकरे के आगे नतमस्तक हो रहा है, जिसे लेकर हैरानी भी है। हैरानी इसलिए है कि शिवसेना पूरे महाराष्ट्र में बेहद ताकतवर थी और बाल ठाकरे के एक आदेश पर उनके शिवसैनिक किसी भी तरह की हिंसा से गुरेज नहीं करते थे और कांग्रेस की राज्य सरकार भी उनके आगे बेबस नजर आती थी।
राज ठाकरे का मामला वैसा नहीं है। वे राजनैतिक रुप से ताकतवर नहीं हैं। ऐसे में ये सवाल बड़ा हो जाता है कि शिवसेना, जिसके तेवर इन दिनों नरम हैं, के बाद बॉलीवुड राजठाकरे के आगे घुटनों के बल क्यों बैठता जा रहा है।
वरिष्ठ फिल्मकार श्याम बेनेगल का मानना है कि मनसे और शिवसेना में कोई ज्यादा फर्क नहीं है। दोनों वक्त-वक्त पर बॉलीवुड का विरोध करके अपना राजनैतिक स्वार्थ सिद्ध करने की कोशिश करते हैं। वे यहां तक कहते हैं कि दोनों को सरकारी स्तर पर समर्थन मिलता है, इसीलिए ये पार्टियां इतनी उग्र होती हैं, क्योंकि उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं होता।
वरिष्ठ फिल्मकार और निर्माताओं की संस्था गिल्ड के चेयरमैन मुकेश भट्ट कहते हैं कि हम थिएटरों में तोड़फोड़ से डरते हैं। हम इस बात से डरते हैं कि ये लोग किसी के चेहरे पर काला रंग डाल सकते हैं।
मुकेश भट्ट के अनुसार हम कुछ गलत नहीं करते फिर भी हमें कंप्रोमाइज करना पड़ता है, क्योंकि फिल्मों में करोड़ों की लागत होती है और एक फिल्म से सैकड़ों लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी होती है। फिल्मी सितारों के राज ठाकरे के घर जाने को वे ऐसी मजबूरी मानते हैं, जिसको अनदेखा नहीं किया जा सकता।
फिल्मी दुनियाी के विश्लेषकों की राय में राज ठाकरे से मिलना और विरोध को बढ़ावा दिए जाने के पीछे कई बार सोची-समझी प्लानिंग भी होती है। राज ठाकरे की पार्टी जब किसी फिल्म का विरोध करती है, तो नेशनल मीडिया उसे फोकस करता है और चैनलों पर फिल्मों के प्रोमो खबरों के साथ चलाए जाते हैं, जिनसे फिल्म की पब्लिसिटी का मकसद पूरा हो जाता है।
एक युवा निर्देशक ने निजी बातचीत में कहा कि राज ठाकरे इन दिनों अपने तरीकों से फिल्म के प्रमोशन की सुपारी लेने लगे हैं। ऐ दिल है मुश्किल के बाद अब लगता है कि राज ठाकरे अपनी स्टाइल में शाहरुख खान की रईस का प्रमोशन करेंगे।
बॉलीवुड कब तक राज ठाकरे के आगे नतमस्तक रहेगा, इस सवाल के जवाब में मुकेश भट्ट कहते हैं, ये हम कैसे तय कर सकते हैं। हमें ऐसा करने का कोई शौक नहीं है, लेकिन अपनी फिल्मों और सिनेमाघरों को बचाने के लिए एेसा करना पड़ता है। वे हंसकर कहते हैं, जब तक सरकारों की ओर से उनको सपोर्ट रहेगा, हम ऐसे ही असहाय रहेंगे।