मुम्बई/ठाणे। देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई की लाइफ लाइन मानी जाने वाली लोकल ट्रेन सेवा चालकदलों के संघ से विरोध प्रदर्शन समाप्त करने के साथ ही शुक्रवार को एक बार फिर पटरी पर आ गई।
रेलवे सुरक्षा बल के आश्वासन के बाद चालक दलों के संघ ने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया जिसके कारण ठाणे और कल्याण तथा डोम्बिवली और सीएसटी के बीच लोकल रेल सेवाएं फिर से शुरू हो गई। चालक दल ने एक चालक के पत्थर लगने से घायल होने पर रेल चलाने से इंकार कर दिया था। इस बीच रेलवे मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यात्रियों को कई घंटों तक परेशानी झेलनी पड़ी।
ज्ञात है कि जिले में लोकल ट्रेन के धीमी गति से चलने और उन्हें रद्द किए जाने को लेकर हजारों यात्रियों ने विरोध प्रदर्शन किया जिसपर पुलिस ने उनपर लाठी भांजी। लोकल ट्रेन के धीमी गति से चलने के कारण दफ्तर जाने वाले लोगों को काफी परेशानियाें का सामना करना पड़ा। यात्रियों ने ठाणे और कल्याण के बीच दिवा स्टेशन के पास गुस्से में आकर रेलगाडियों पर पथराव कर उन्हें नुकसान पहुंचाया।
गुस्साई भीड़ ने पुलिस विभाग की एक जीप सहित तीन गाडियों को आग के हवाले कर दिया। आपदा नियंत्रण अधिकारी संतोष कदम ने कहा कि ट्रेन के धीमे चलने के कारण यात्रियों ने सड़क पर टायर भी जलाए। इस घटना में लोकल ट्रेन का ड्राइवर बुरी तरह जख्मी हो गया है। भीड़ को तितर – बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। लगभग चार घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने में सफलता पाई।
रेल मंत्री ने महानिदेशक को इस मामले का तुरंत हल निकालने के निर्देश दिए। प्रभु ने कहा कि उपनगरीय रेल नेटवर्क में कुछ दिक्कतें है जिन्हें लंबे समय से नजरअंदाज किया जा रहा है। हम उच्च प्राथमिकता पर इसे दुरूस्त करने की योजना पर काम कर रहे है। यह एक बड़ी समस्या है तो इसके समाधान में वक्त लगेगा।