जकार्ता। मलेशिया से उडने के बाद क्रेश हुए एयर एशिया के विमान में सवार लोगों में से तीस यात्रियों के शव जावा सागर से निकाल लिए गए हैं। यह जानकारी देते हुए राष्ट्रीय तलाश एवं बचाव एजेंसी के एफ. हेनरी बामबांग सुलिस्तयो ने यह भी जोडा कि खराब मौसम के कारण तलाशी अभियान में बाधा आ रही है।
सुलिस्तयो का कहना है कि दस शवों को मध्य कालीमांतन प्रांत के पंगकालन बन हवाईअड्डे से पूर्वी जावा प्रांत की राजधानी सुराबाया भेज दिया गया है। वही चार शव अभी पंगकालन बन हवाईअड्डे पर ही हैं, आठ जहाजों में हैं और बाकी पहले से ही सुराबाया शहर में ही हैं। उन्होंने कहा कि मौसम खराब होने के कारण दोनों जहाज यहां नहीं पहुंच पाए हैं।
सुलिस्तयो ने कहा कि समुद्र में पांच मीटर तक ऊंची लहरें उठ रही हैं जिसके कारण तलाशी अभियान में बाधा पहुंची। मेटल डिटेक्टर उपकरणों के साथ नौ विमान पंगकालन बन के चारों ओर 13,500 वर्ग किलोमीटर के इलाके में तलाशी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर और अमेरिका के विमान शुक्रवार सुबह से ही मौके पर हैं और विमान का मलबा, फ्लाइट डेटा और कॉकपिट व्यॉयस रिकॉर्डर्स को तलाश की जा रही है।
डीवीआई दल के प्रमुख बुदिओनो ने कहा कि तीन शवों की पहचान की गई है, जिनमें से एक महिला जबकि दो पुरुष है। तीनों इंडोनेशिया के ही निवासी हैं। बुदियानो ने सुराबाया में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि स्टीवर्डनेस खैरून्निसा हैदर, ग्रेसन हर्बर्ट लिनाकसिता और केविन एलेक्जेंडर सोएतजिप्तो की पहचान उनकी उंगली के निशान और चिकित्सकीय रिपोर्ट के आधार पर हुई है।
ग्रेसन हर्बर्ट की पहचान उनकी उंगली के निशान और चिकित्सकीय रिकॉर्ड के आधार पर की गई। वहीं खैरून्निसा को उसके कपड़े और पिन के आधार पर पहचाना गया। तीनों पीडितों के शवों को एयरएशिया प्रबंधन द्वारा उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा। पूर्वी जावा प्रांत के पुलिस प्रमुख अनस यूनुस ने बताया कि शवों की पहचान करने में मलेशिया, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के भी विशेषज्ञ सहायता कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि रविवार को एयरएशिया के विमान क्यूजेड 8501 ने 162 यात्रियों के साथ इंडोनेशिया के सुराबाया शहर से सिंगापुर के लिए उड़ा था, लेकिन 42 मिनट बाद ही इसका संपर्क टूट गया, जिसके बाद यह लापता हो गया था। बाद में पता चला कि यह जावा सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।