भोपाल। मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में शिप्रा नदी के तट पर अगले वर्ष आयोजित होने वाले महाकुंभ को प्रदेश सरकार विश्व प्रसिद्ध बनाने और दुनियाभर से लोगों को इसकी जानकारी देने के लिए योजना तैयार कर रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने सिंहस्थ-2016 की पूरी दुनिया में ब्रांडिंग व मार्केटिंग के निर्देश देते हुए देश-विदेश में इसकी भव्यता से अवगत करवाने के लिए निर्देश दिए है। चैहान की मंशा है कि सिंहस्थ-2016 को भारतीय संस्कृति का पूरी दुनिया में संदेश देने वाला मंच बने। इसी सिलसिले में नए साल की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने सिंहस्थ तैयारियों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ एक वैश्विक आध्यात्मिक आयोजन है। इसका लाभ लेकर दुनिया को बेहतर जीवन जीने और पर्यावरण को बचाने के भारतीय दृष्टिकोण का प्रसार करना एक सकारात्मक कार्य होगा। उन्होंने मुख्य सचिव को इन विषयों पर विश्व-स्तरीय संगोष्ठियों के लिये समय-सारिणी बनाने और स्वयंसेवी संगठनों, विद्वानों, विषय-विशेषज्ञों को आयोजन की जिम्मेदारी के लिये तैयार करने के निर्देश दिए।
चैहान ने कहा कि उज्जैन शहर के लिए अधोसंरचना निर्माण के जितने भी जरूरी काम हो, उनकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा जाये। सिंहस्थ 2016 के विचार-विमर्श के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों की श्रंखला की शुरूआत अप्रैल से होगी। चैहान ने कहा कि उज्जैन शहर में रूद्र सागर और क्षीर सागर की सफाई के लिये जन-भागीदारी से अभियान चलाया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि सिंहस्थ के लिये बनने वाली नागरिक सुविधाएँ स्थाई रूप से बने रहेंगी। मुख्यमंत्री ने शहर में अतिक्रमण के मुद्दे को संवेदनशीलता के साथ समाधान करने के भी निर्देश दिये। सिंहस्थ के सफल आयोजन के लिये उन्होंने सभी वर्गों, धर्मों के प्रमुखों के साथ बैठक करने एवं लगातार संवाद के माध्यम से सहमति बनाने के निर्देश भी दिए।
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि स्थायी प्रकृति के जितने अधोसंरचनात्मक कार्य अभी हो रहे हैं उतने सिंहस्थ के इतिहास में पहले कभी नहीं हुए। बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री पारस जैन, मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.के. मिश्रा, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एस.एन. मिश्रा, सचिव मुख्यमंत्री विवेक अग्रवाल एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
इन पर होगा विशेष प्रयास
– सिंहस्थ के दौरान 20 लाख लोग स्थायी रूप से उज्जैन में रहेंगे।
– पिछले सिंहस्थ से दोगुने से भी अधिक श्रद्धालु आने की संभावना।
– लगभग 100 देश से पहुँचेंगे दर्शनार्थी।
– श्रद्धालुओं के लिये व्यापक इंतजाम युद्ध-स्तर पर जारी।
– सनातन परम्परा के साथ सम-सामयिक वैश्विक सरोकारों पर चर्चा होगी, संपूर्ण विश्व में पहुँचेगा संदेश।
– विश्व-स्तरीय संगोष्ठियों की शुरूआत आगामी अप्रैल से।
– विश्व-विख्यात विद्वानों को आमंत्रण।
– इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर नगर में पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण, धर्मों की मूलभूत एकता, इंसानियत जैसे विषय पर सिंहस्थ से पहले संगोष्ठियों का आयोजन।
– स्थायी प्रकृति के इतने कार्य सिंहस्थ के इतिहास में पहले कभी नहीं।
– उज्जैन में मूल्य आधारित जीवन शैली विषय पर विश्व-स्तरीय संगोष्ठी।
– सिंहस्थ से पहले उज्जैन में जन-जन को जोडकर चलेगा स्वच्छता अभियान।
– मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे स्वच्छता अभियान में।
– उज्जैन में स्थायी प्रकृति के निर्माण कार्यों पर विशेष ध्यान।