इंदौर। इंदौर शहर के सोना-चांदी के संस्थानों के अलावा 16 संस्थान, तीन बैंक और उद्योगपति, विभाग और सीबीआई दोनों के निशाने पर आ गए हैं।
नोटबंदी के बाद इंदौर में दो हजार करोड़ रुपए तक के लेन-देन बहुत तेजी से किए गए है। इसके लिए आयकर विभाग ने अलग से टीम भी तैयार कर दी है। अगले कुछ दिनों में संस्थानों के अलावा बैंककर्मियों पर भी बड़ी कार्रवाई दिखाई देने लगेंगी।
आयकर विभाग के सूत्रों ने दावा किया है कि इंदौर के अलावा भोपाल और जबलपुर में भी नोटबंदी के बाद बड़े पैमाने पर 1000-500 के नोट ठिकाने लगाने को लेकर अलग-अलग खेल खेले गए है। जो प्रारंभिक नजर में ही सामने आ गए है।
इसके बाद सभी आयकर की जांच दायरे में ले लिए गए है। इसमें पेट्रोल पंपों को भी जोड़ा गया है जिन्होंने नोटबंदी के दौरान 1000-500 के नोट ही केवल बैंकों तक पहुंचाए है। वहीं कई पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल खरीदी 100, 200 रुपए से ज्यादा की नहीं हो रही थी वहां पर भी 500 के नोट बैंकों में पेट्रोल पंप मालिकों ने जमा कराएं हैं।
सभी जांच में ले लिए गए है। इसके अलावा इंदौर की तीन प्राइवेट बैंकों ने बड़े पैमाने पर 1000-500 के नोट जमा किए है या बदले हैं इनके अधिकारी जांच के दायरे में आ गए है। साथ में कर्मचारियों को भी इसमें जोड़ा गया है।
वहीं सोने-चांदी की दुकानों के अलावा अन्य 16 संस्थान जांच के दायरे में ले लिए गए है। वित्त मंत्रालय के निर्देशानुसार अगले दो महीनों में जांच का कार्य पूरा कर सबके खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
विभाग ने इसके लिए आयकर विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वापस बुलाकर उनसे सेवाएं लेने के लिए पत्र जारी किए है। जांच का कार्य प्रारंभ करने के लिए अलग से टीम भी तैयार कर दी है। हालांकि ऑल इंडिया बैंकर्स एसोसिएशन भी सरकार के इस कदम को लेकर अचंभित है।