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80000 children will starve to death in nigeria says unicef
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नाइजीरिया में भूख से मर सकते हैं 80 हजार बच्चे: यूनिसेफ

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नाइजीरिया में भूख से मर सकते हैं 80 हजार बच्चे: यूनिसेफ
80000 children will starve to death in nigeria says unicef
80000 children will starve to death in nigeria says unicef
80000 children will starve to death in nigeria says unicef

जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी (यूनिसेफ) ने चेतावनी दी है कि उत्तर-पूर्वी नाइजीरिया में अगले साल 5 लाख बच्चों को भूखमरी का सामना करना पड़ सकता है। वहीं बोको हराम की वजह से पैदा हुए मानवीय संकट के कारण 80,000 बच्चों को अगर इलाज की सुविधा नहीं मिली तो उनकी मौत हो सकती है।

यूनीसेफ ने अपने ट्विटर पेज पर इस मामले की चेतावनी देते हुए कहा है कि बोको हराम से पैदा हुए मानवीय संकट ने 80,0000 बच्चों की मौत हो सकती है। यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक एंथनी लेक ने कहा, ‘अभी जो संकट है, वो तबाही का रूप ले सकती है।’

उन्होंने बयान में कहा कि यहां 400,000 बच्चे भूखमरी के कगार पर हैं जो कि सात सालों में उग्रवाद के कारण पीड़ित 26 लाख लोगों का महज छोटा सा हिस्सा है। अभी तक के संघर्ष में 20,000 लोग मारे जा चुके हैं। लेक ने कहा, ‘अगर इन्हें वो इलाज नहीं मिला, जिसकी इन्हें जरूरत है तो पांच में से एक बच्चे की मौत हो जाएगी।’

उन्होंने कहा कि बोरनो राज्य के ज्यादातर इलाके दुर्गम हैं, जहां तक मानवीय सहायता नहीं पहुंच पा रही है। हम इन क्षेत्रों में फंसे बच्चों के बारे में बेहद चिंतित हैं।

लेक का यह बयान तब आया है जब कुछ दिन पहले ही देश के राष्ट्रपति मोहम्मदू बुहारी ने संयुक्त राष्ट्र संघ और निजी सहायता एजेंसियों पर दान राशि पाने के लिए संकट को बढा-चढ़ा कर पेश करने का आरोप लगाया था। बुहारी ने घोषणा की थी कि बोको हराम को तकनीकी रूप से एक साल पहले ही हराया जा चुका है।

गौरतलब है कि इससे पहले यूनीसेफ ने राजधानी दिल्ली में ‘रिकॉर्ड स्तर पर उच्च’ वायु प्रदूषण दुनिया के लिए ‘खतरे की घंटी’ करार दिया था। यूनीसेफ के मुताबिक यदि वायु प्रदूषण कम करने के लिए निर्णायक कदम नहीं उठाए गए तो भारत की राजधानी में धुंध और इसके नागरिकों के दैनिक जीवन पर पड़ने वाला प्रतिकूल प्रभाव सामान्य बात बन जाएगी।

यूनीसेफ ने एक बयान में कहा, ‘दिल्ली में बच्चों की दिक्कत हर सांस के साथ बढ़ रही है। दिल्ली वायु प्रदूषण को लेकर विश्व के लिए खतरे की घंटी है। यह उन सभी देशों एवं शहरों के लिए खतरे की घंटी है जहां वायु प्रदूषण के उच्च स्तर के कारण बच्चों की मौत हुई है और वे बीमार हुए हैं।’

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘यह खतरे की घंटी है जो हमें बहुत स्पष्ट रूप से बता रही है कि यदि वायु प्रदूषण कम करने के लिए निर्णायक कदम नहीं उठाए गए तो दिल्ली में हमने पिछले सप्ताह जो घटनाएं देखीं वे बहुत तेजी से आम हो सकती हैं।’