जोधपुर। सरकार ने 15 दिसम्बर के बाद 500 रुपए के पुराने नोट की समय सीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया है।
सरकार के इस फैसले के साथ ही पुराने 500 रुपए के नोट से मोबाइल रिचार्ज करने, रेलवे, विमान, पेट्रोल पंप और टोल प्लाजा पर भी स्वीरकार नहीं किए जाएंगे। चलन से बाहर हो चुके नोटों को बैंक से बदलने की सुविधा सरकार पहले खत्म कर चुकी है। हालांकि, लोग पुराने 1000 और 500 रुपए के नोट बैंक खातों में जमा कर सकते हैं।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने ट्वीटर पर लिखा है, पुराने 500 रुपए के नोट के उपयोग को लेकर मिली छूट 15 दिसम्बर की मध्य रात्रि से समाप्त हो जाएगी।
आठ नवम्बर को 500 और 1,000 रुपए के नोटों पर पाबंदी लगाते हुए 72 घंटों तक उपयोगी सेवाओं के भुगतान के लिए पुराने नोटों के उपयोग की अनुमति दी थी। बाद में इसकी समय सीमा को बारबार बढ़ाया गया।
नोट बंदी के बाद बने हालात में भले ही अभी तक बहुत कम लोग कैश लेस ट्रांजेक्शन की तरफ अग्रसर हुए हो, लेकिन रिजर्व बैंक से नोटों की आपूर्ति के अभाव में जोधपुर के अधिकांश बैंक व एटीएम कैश लेस हो चुके हैं।
कोई भी व्यक्ति बैंकों में नए नोट जमा नहीं करवा रहा है। लोग पुराने नोट जमा करवा कर अपने खातों से नए नोट निकालने को कतारों में खड़े है। शहर के अधिकांश बैंकों में कैश का जबरदस्त टोटा पड़ा हुआ है। गत माह के अंत जैसे हालात बने हुए है।
यदि आज रिजर्व बैंक ने कैश नहीं भेजा तो बैंकों के लिए लोगों को जवाब तक देना मुश्किल हो जाएगा। बैंक ऑफ बड़ौदा के आरएम वीके जैन के अनुसार उनकी किसी भी शाखा में कैश नहीं हैं। ऐसे में गुरुवार को भुगतान नहीं होगा, केवल जमाएं ली जाएगी।
एसबीबीजे के प्रवक्ता आरपी शर्मा के अनुसार आरबीआई से अगर गुरुवार रात तक करेंसी नहीं आई तो शुक्रवार को परेशानी हो सकती है। करेंसी कम होने के कारण केवल शाखाओं के बाहर लगे एटीएम में ही लोड की जा रही है।
एसबीआई के आरएम रवींद्र मिश्रा के अनुसार लोग भी जमाओं में करेंसी नहीं ला रहे हैं। इससे ट्रांजेक्शन नहीं कर पा रहे हैं। आरबीआई अगर एक दो दिन में करेंसी नहीं देता है तो पिछले माह जैसे हालात हो सकते हैं।
पीएनबी के जोनल हैड यूएस शेखावत के अनुसार करेंसी कम हैं, आरबीआई से नहीं आ रही है। इसलिए कुछ एटीएम में ही डाल पा रहे हैं। दूसरी तरफ बैंकों व एटीएम के बाहर कतारों की लम्बाई कम होने का नाम नहीं ले रही है।
शहर के चुनिन्दा एटीएम से लोगों को पैसे मिल पा रहे है। बैंकों का कहना है कि अभी तक यह य नहीं है कि रिजर्व बैंक से नए नोट की अगली किस्त कब आएगी।