नई दिल्ली। नोटबंदी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि इतने नए नोट कहां से आ रहे हैं? आम आदमी को निकासी की सीमा चौबीस हजार रुपए भी नहीं मिल पा रहा है और कुछ लोगों के पास करोड़ों रुपए कहां से आ रहे हैं।
केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि दो हफ्ते के भीतर नोटबंदी से होनेवाली परेशानी दूर हो जाएगी। केंद्र सरकार ने कहा कि वह को-ऑपरेटिव बैंको को भी पैसे को जमा करने की अनुमति देगी।
केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से कुछ लोगों के पास करोड़ों रुपए आ रहे हैं। कुछ बैंक अधिकारी कथित रूप से अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं, सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
नोटबंदी के बाद करेंसी की सप्लाई पर सरकार ने कहा कि पांच लाख करोड़ की करेंसी दोबारा बाजार में लाई गई है। 2.5 लाख करोड़ की करेंसी पहले से बाजार में है। 17.5 लाख करोड़ करेंसी में से कुल 7.5 लाख करोड़ बाजार में है।
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के पूछे गए सवालों पर सरकार ने कहा था कि नोटबंदी से काले धन के खिलाफ लड़ाई लड़ने और टेरर फंडिंग रोकने में मदद मिलेगी।
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील पी. चिदंबरम ने मांग की थी कि रुपयों की निकासी की सीमा खत्म होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि पांच सौ और एक हजार के पुराने नोटों के रूप में रिजर्व बैंक के पास बारह लाख करोड़ रुपए आए लेकिन उन्होंने केवल तीन लाख करोड़ के नए नोट डाले जिससे गंभीर संकट पैदा हो गया है।
इसपर अटार्नी जनरल ने कहा था कि परिवार का हर सदस्य एक सप्ताह में चौबीस हजार रुपए निकाल सकता है। तब चिदंबरम ने कहा था कि हर परिवार में पांच बैंक खाता नहीं है।
कई परिवारों में एक ही बैंक खाता हो सकता है और उस परिवार का दिल्ली में दो हजार रुपए में गुजारा नहीं हो सकता। बैंकों और एटीएम में लाइन में लगने से हुई मौतों पर अटार्नी जनरल ने कहा था कि पैसे नहीं होने की वजह से ये मौतें नहीं हुई हैं, ये केवल राजनीति है।
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