पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 500 और 1000 रुपए के बड़े नोटों को चलन से बाहर किए जाने पर अपना विरोध जारी रखते हुए राजद ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने देश के साथ धोखा किया है।
साथ ही बिहार में सतारूढ़ महागठबंधन के घटक दल जद(यू) के नेता तथा मुख्यमन्त्री नीतीश कुमार का नाम लिए बिना कहा कि नोटबंदी के विरुद्ध आन्दोलन में किसी का समर्थन नहीं मिलने पर भी यह आन्दोलन जारी रहेगा।
नोटबंदी के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए शनिवार को बुलाई गई राजद की बैठक में नोटबंदी को “फर्जीबंदी” बताते हुए यादव ने यहां कहा कि पीएम मोदी ने देश के साथ धोखा किया है जिसके खिलाफ उनका दल आन्दोलन करेगा।
बिहार की सत्ता में उनकी सहयोगी कांग्रेस पार्टी की ओर से पूर्व में देश स्तर पर चलाई गई नसबंदी कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए यादव ने कहा कि जैसा हाल कांग्रेस की सरकार में नसबंदी के अभियान का हुआ था वही हाल अब बीजेपी की नोटबंदी के अभियान का भी होगा।
नोटबंदी का जोरदार विरोध कर रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रशंसा करते हुए यादव ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस मुद्दे पर एक साथ नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
बीजेपी की नोटबंदी से देश की आम जनता परेशान है और प्रधानमंत्री ने अपने इस फैसले से देश की गरीब जनता को तबाह कर दिया है। देश के गरीबों को पैसों के लिए कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है जबकि अमीरों की जिंदगी पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
देश की जनता को परेशान करने के लिए भाजपा की ओर से शुरू किए गए इस अभियान के खिलाफ मोर्चा खोलने की घोषणा करते हुए यादव ने कहा कि राजद जनता के साथ मिलकर दिल्ली सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़कर बीजेपी को सबक सिखाएगी।
बैठक को संबोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नोटबंदी का समर्थन करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए कहा कि राजद शुरू से ही इसके खिलाफ था और रहेगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले से देश मे किसी को कोई फायदा नहीं हुआ है।
इस अवसर पर राजद के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह ने कहा कि सभी दलों को मिल कर भाजपा के खिलाफ खड़े होकर भाजपा की इस चाल को कामयाब नहीं होने देना है।
उन्होंने कहा कि इस नोटबंदी से परेशानी झेल रहे आम आदमी को छुटकार दिलाने के लिए राजद हर संभव प्रयास करेगा। सिंह ने प्रधानमन्त्री के दावों को खोखला बताया और कहा कि नोटबंदी के दावे में भी कोई जान नहीं है।
बैठक में राजद के वरिष्ठ नेताओं, इसके पाले से बिहार सरकार में मंत्रियों, विधायकों, पूर्व मुख्य्मंत्री राबड़ी देवी तथा एनी नेताओं की उपस्थिति में नोटबंदी के खिलाफ आंदोलन करने के लिए, इसकी रूप रेखा और रणनीति पर चर्चा की गई।
इधर सोशल मीडिया पर कुछ दिनों से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सक्रिय रहते हुए नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। अपने हमलों में यादव ने आरिओप लगाया है कि मोदी को भारत की नहीं इंडिया की चिंता है।
उन्होंने कहा था कि देश के 80 फीसदी लोग कृषि से जुड़े हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी को दो फीसदी इंडियन की चिंता है, जिनकी पूंजी से सेंसेक्स ऊपर-नीचे होता है। इस बीच नोटबंदी के मुद्दे पर नीतीश कुमार के समर्थन के लिए प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के उनकी खुलकर तारीफ करने से बिहार का राजनितिक तापमान गरम हो गया है।
प्रधानमन्त्री के बदले हुए इस रुख ने राजद खेमे में बेचैनी बढ़ा दी है। अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राजद प्रवक्ता प्रगति मेहता ने कहा तो कि प्रधानमंत्री किसकी तारीफ करते हैं इससे उनकी पार्टी को कोई लेना-देना नहीं है, फिर भी दल के अन्दर इस मुद्दे पर राजनीती गर्म दिखी।
उन्होंने कहा कि राजद जनता को हो रही परेशानी को लेकर गंभीर है और इसी मुद्दे पर बैठक में आगे की रणनीति तय की जा रही है। उल्लेखनीय है कि महागठबंधन में विरोध के बावजूद नीतीश कुमार काले धन पर लगाम लगाने के लिए प्रधानमन्त्री के नोटबंदी के फैसले का लगातार समर्थन कर रहे हैं जिसके लिए भजाप के नताओं ने उनकी सराहना भी की।
एक कदम आगे बढ़ते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में हुए भाजपा संसदीय बोर्ड की मीटिंग को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार के इस समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया था। खुल कर सतह पर आई दूरियों के बावजूद नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी , बदलती परिस्थितियों में सैद्धांतिक रूप से एक दूसरे के करीब आते दिख रहे हैं। हालांकि प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर उड़ीसा के मुख्यमन्त्री नवीन पटनायक को भी धन्यवाद दिया था।
भाजपा की बिहार इकाई के नताओं के अन्दर हालांकि थोड़ी नाराजगी झलकी। पार्टी प्रवक्ता विनोद नारायण झा ने नीतीश कुमार पर दोहरी राजनीतिक चाल चलने का आरोप लगते हुए कहा कि एक ओर कुमार नोटबंदी का समर्थन कर रहे हैं और दूसरी ओर जद(यू) के वरिष्ट नेता और सांसद शरद यादव तथा दल के प्रवक्ता लगातार नोटबंदी का विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने नीतीश कुमार को प्रवक्ताओं और नेताओं पर लगाम लगाने की सलाह दी। इस बीच जद(यू) प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रधानमन्त्री के तारीफ़ पर प्रतिक्रया देते हुए कहा कि उनके दल सैद्धांतिक रूप से नोटबंदी के समर्थन में है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी लागू होने के 50 दिन बीत जाने के बाद दल अपना रुख तय करेगा।
उन्होंने कहा कि मोदी वाकई यदि कालेधन पर प्रहार करना चाहते हैं तो उन्हें बेनामी संपत्ति और शराबबंदी पर भी वार करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कहा कि प्रधानमंत्री को बुद्धि थोड़ी देर से आई और उन्होंने माना कि नीतीश कुमार अच्छी सरकार चला रहे हैं।