नई दिल्ली। केन्द्र सरकार जल्द ही मजदूरी भुगतान अधिनियम की धारा 6 में बदलाव कर नियोक्ताओं को वेतन भुगतान बैंकिंग व्यवस्था से किए जाने की सहूलियत प्रदान करने जा रही है।
सरकार ने मीडिया में चल रही इन खबरों का खण्डन भी किया है कि सरकार वेतन के तौर पर नकद धनराशि दिए जाने को बंद करने जा रही है। केन्द्र और राज्य सरकारें जल्द ही इसको लेकर अधिसूचना जारी करेंगी जिससे औद्योगिक या अन्य प्रतिष्ठान चेक और बैंकिंग दोनों माध्यमों से वेतन दे सकेंगे।
सरकार का कहना है कि पहले से चली आ रही नकद के तौर पर वेतन देने की व्यवस्था अब भी जारी रहेगी। एक विज्ञप्ति जारी कर सरकार ने कहा कि मजदूरी भुगतान अधिनियम वर्ष 1936 में (अस्सी साल पहले) बना था। तब से लेकर अब तक बड़ा बदलाव आ चुका है।
अब ज्यादातर लेन-देन बैंकिंग व्यवस्था के माध्यम से होते हैं। ऐसे में उस समय बने अधिनियम की धारा 6 जिसमें केवल वर्तमान में प्रचलित नोट और सिक्कों से ही भुगतान का प्रावधान था, उसमें समयानुसार बदलाव किया जा रहा है।
ऊपर प्रस्तावित संशोधन का औचित्य यह भी सुनिश्चित करना है कि कर्मचारियों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान हो और उनके सामाजिक सुरक्षा अधिकारों की रक्षा हो।
उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा पहले ही बैंकिंग व्यवस्था के माध्यम से भुगतान किए जाने संबंधी अधिसूचना जारी कर चुके हैं।