नई दिल्ली। डिजिटल और कार्ड से भुगतान को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) से जनता के हित को ध्यान में रखते हुए लेन-देन के लिए फीस चार्ज नहीं करने को कहा है।
वित्तीय सेवा विभाग ने सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को जनता के हित में तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) और एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) से भुगतान करने पर चार्ज नहीं लेने को कहा है।
नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिए 1000 रुपये से ज्यादा के भुगतान पर भी सिर्फ सेवा कर ही लेने को कहा है। इसके साथ असंरचित पूरक सेवा डाटा (यूएसएसडी) के जरिए 1000 रुपये से ज्यादा के भुगतान पर भी पचास पैसे की छूट देने को कहा है।
वहीं केंद्र नकद रहित भुगतान को बढ़ावा देने के उद्देश्य के अनुरूप भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 1000 रुपए तक के तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस), एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) और असंरचित पूरक सेवा डाटा (यूएसएसडी) से लेन-देन को तर्कसंगत बनाते हुए 1 जनवरी से 31 मार्च 2017 तक चार्जेज में छूट दी है।
डेबिट कार्ड से 2000 रुपए तक के लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को भी तर्कसंगत बनाया है।