नइ दिल्ली/जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान में पंचायत चुनावों में प्रत्याशियों की शिक्षा की बाध्यता लागू करने के अध्यादेश के खिलाफ लगाई गई याचिका में किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एचएल दत्ता ने याचिकाकता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह याचिका हाईकोर्ट में दायर करनी चाहिए।उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार ने पंचायतराज अधिनियम में 24 दिसम्बर को एक अध्यादेश के माध्यम से पंचायतराज चुनावों में जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और सरपंचों के लिए न्यूनतम शिक्षा की बाध्यता लागू कर दी थी। इसे लेकर कांग्रेस तथा अन्य राजनीतिक दलों के लोगों ने इस चेलेंज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा की अनिवार्यता को चुनौती देने वाले मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया, लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने इसी मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार औ राज्य चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है। जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने अलवर की उप जिला प्रमुख सरोज देवी व अन्य की याचिका पर पर अंतरिम आदेश देते हुए राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस भेजकर 12 जनवरी तक जवाब मांगा है।
याचिका खारिज होने के बाद कांग्रेस इस लड़ाई को जनता के बीच जाकर लडने का मानस बना चुकी है तो भाजपा ने न्यायालय के निर्णय पर हर्ष जाहिर किया है। सड़क पर लड़ने का फैसला किया है। वहीं भाजपा ने न्यायालय के निर्णय पर खुशी जाहिर की है। राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार व राज्य चुनाव आयोग को नोटिस भेजकर सरकार व आयोग से 12 जनवरी तक जवाब मांगा है। इधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कैलाशनाथ भट्ट कहा कि कांग्रेस के पास शिक्षित प्रत्याशी उपलब्ध नहीं है, इसलिए विचलित होकर न्यायालयों में गई है।