नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीमें गुरुवार को केरल में स्टेट कोऑपरेटिव बैंकों की कई शाखाओं में छापेमारी कर रही हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक ईडी की टीमें कन्नूर के कई कोऑपरेटिव बैंकों के अलावा कोझीकोड, त्रिचुर में भी इस तरह की कई बैंकों में छापेमारी कर रही हैं। कई कोऑपरेटिव बैंकों के अधिकारी ईडी के रडार पर बताए गए हैं। इन पर नोटबंदी के एेलान के बाद पुरानी करेंसी को गलत तरीके से बदलने का आरोप है।
ईडी की टीमों ने इससे पूर्व पहली दिसम्बर को भी देश के विभिन्न हिस्सों में हवाला कारोबारियों के ठिकानोें पर छापेमारी की थी जो 8 नवम्बर की नोटबंदी की घोषणा के बाद 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को अवैध तरीके से नए नोटों में बदलने के मामलों में संलिप्त रहे थे।
ईडी की ये छापेमारी खुफिया सूचनाओं के आधार पर दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद और चेन्नई आदि स्थानों पर की गई थीं।
आठ नवम्बर को नोटबंदी के ऐलान के दो दिन बाद ही काले धन को सफेद करने के प्रयासों की जानकारी मिलने पर आयकर विभाग ने देश भर में विभिन्न हवाला आपरेटरों और जौहरियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
दूसरी तरफ केरल के कई कोऑपरेटिव बैंक सीबीआई के राडार पर हैं। सीबीआई की टीमें मल्लापुरम ,कोल्लम स्थित कई बैंकों में तलाशी ले रही हैं। यहां सीबीआई ने नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचार में लिप्त कई संदिग्ध अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की थी।
सीबीअाई के अधिकारी 8 नवम्बर के बाद हवाला कारोबारियों के जरिए फर्जी खातों में काला धन जमा कर सफेद करने के मामलों की छानबीन कर रहे हैें। सीबीआई ने नवंबर महीने में भी कई स्थानों पर छापेमारी और जांच पड़ताल की थी।
जानकार सूत्रों का कहना है कि सीबीआई हवाला कारोबारियों के रैकेट मामले की जांच कर रही है। छापेमारी के बाद जब्त दस्तावेजों में सीबीआई को तफ्तीश के दौरान कुछ ठोस साक्ष्य हाथ लगे हैं। कई फर्जी एकाउंट बनाकर काले धन को सफेद करने के मामले पकड़ में आए हैं।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक 8 नवम्बर को नोटबंदी के ऐलान के बाद सीबीआई की यह बड़ी कार्रवाई है। केरल के कई कोऑपरेटिव बैंकों में फर्जी एकाउंट के जरिए किए जा रहे लेनदेन की सीबीआई की टीम छानबीन कर रही है।
पता चला है कि इनमें कई बड़े स्थानीय नेताओं के कालेधन से जुड़े मामले भी हैं। सीबीआई जल्द ही कई और नए मामले दर्ज करेगी।