जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने एसीबीसी आरक्षण रद्द करने के अपने फैसले को छह सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है।
गुरुवार को न्यायाधीश मनीष भंडारी और जेके रांका की खंडपीठ ने सरकार की ओर से दायर रिव्यू पीटिशन पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। अब सरकार को सुप्रीम कोर्ट में जाने के लिए छह सप्ताह का समय मिल गया है।
इसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर सकेगी। हालांकि पिछले दिनों गुर्जर समाज के प्रतिनिधि मंडल ने वार्ता के बाद सरकार को आरक्षण का स्थाई समाधान निकालने के लिए 22 दिसम्बर तक समय दिया था जो गुरुवार को पूरा हो गया है।
उधर आरक्षण की मांग को लेकर मेवाड़ के गुर्जर समेत अन्य जातियों के लोग कांग्रेस विधायक धीरज गुर्जर के नेतृत्व में भीलवाड़ा में पिछले दो दिनों से आंदोलन कर रहे हैं।
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के महामंत्री एडवोकेट शैलेन्द्र धबाई ने बताया कि राजस्थान हाईकोर्ट ने छह सप्ताह के लिए अपने फैसले को स्थगित किया है। यह अस्थाई व्यवस्था है। हमें पांच प्रतिशत आरक्षण की स्थाई व्यवस्था चाहिए।
अब चाहे सरकार इसे यथावत जारी रखे या 50 प्रतिशत आरक्षण के अंदर रखते हुए नई व्यवस्था करे।