लालबत्ती के वाहन में मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह सर्किट हाऊस जा रहे थे। सड़क पर कीचड़ से सने कपड़ों में एक विकलांग युवक को घीसटकर चलते देखा तो गाड़ी रूकवा दी।
मंंत्री नीचे उतरे और उनके साथ वाले लोगों ने मिलकर कार में युवक को बैठा लिया। उसे सर्किट हाऊस ले गए। युवक के बारे में आधे घंटे में ही पूरे प्रशासन को कहकर परिजनों को ढूंढवाया।
युवक के पिता का 4-5 माह पूर्व ही मर्डर हो गया था। उसकी माँ बर्तन मांझकर गुजार कर रही थी। काफी दरिद्र स्थिति में परिवार था। मंत्री विजय शाह ने युवक के लिए नए कपड़ों का इंतजाम तुरंत करवाया साथ ही कटिंग करने वाले को बोलकर उसकी कटिंग करवाये हाथ-मुंह धुलवाकर साथ में मंत्री ने चाय पी और बिस्किट भी खिलाये।….
इस बीच उस विकलांग व मंद बुद्धि युवक का चेहरा खिल गया। उसके चेहरे के खिलने के साथ ही इसके अच्छे दिन आ गये है तत्काल अधिकारियों को बुलवाकर 2 हजार एवं स्वयं की निधि से 5 हजार रूपये के साथ संबंधित अधिकारियों को दो दिनों में इस युवक का विकलांग कार्ड बनाने के निर्देश दिए ताकि 500 रूपये प्रतिमाह इसे प्राप्त हो सकें।
खाद्य अधिकारी जैन को तुरंत निर्देशित करते हुए फूड कूपन व खाद्य पर्ची तुरंत बनाकर दी जाये ताकि यह गरीब परिवार को एक रूपये किलो गेंहूं, नमक और चावल प्राप्त हो सकें ताकि यह अपने परिवार का पालन पोषण ठीक ढंग से कर सकें।