इमली का पेड बहुत ऊंचा होता है, इमली अंग्रेजी तामर हिन्दी भारतीय खजूर पादप कुल फैबेसी का एक वृक्ष है। इसके फल लाल से भूरे रंग के होते है, तथा स्वाद में बहुत खट्टे होते हैं इमली का पेड समय के साथ बहुत बडा हो सकता है और इसकी पत्तियां एक वृन्त के दोनों तरफ छोटी-छोटी लगी होती है। इसके वंश टैमेरिन्डस में सिर्फ एक प्रजाति होती है।
इमली में विटामिन सी, ई और बी का प्रचुरता है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी मौजूद हैं वहीं आयरन, फाइबर, मैगनीज, कैल्शियम, फॉस्फोरस की भरपूर मात्रा पाई जाती है।
50 ग्राम इमली को 250 ग्राम पानी में भिगो दें। 15 मिनट बाद इसे ठीक से मसलकर चटनी जैसा पेस्ट बना लें। इसे शरीर पर मलकर 10-15 मिनट बाद स्नान करें। यह प्रयोग सप्ताह में एक बार करें। इससे सांवलापन दूर होता है।
फीवर करें आउट- पकी हुई इमली के फलों के रस की करीब 15 ग्राम फिवर से ग्रसित रोगी को दी जाए, तो बुखार जल्दी उतर जाता है।
गले की खराश करें दूर- अगर आप गले की खराश से परेशान है तो इमली की पत्तियों को पीस कर उस का रस तैयार करें और फिर रस से कुल्ला करें। कुछ ही दिनों में गले की खराश से राहत मिलेगी।