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concilor arise fingure on validity of acceptence of resignation
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समिति के सदस्य के त्याग-पत्र पर क्षुब्ध कई भाजपा पार्षद

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समिति के सदस्य के त्याग-पत्र पर क्षुब्ध कई भाजपा पार्षद
regignation of committe member and its aprovel
regignation of committe member and its aprovel
regignation of committe member and its aprovel

सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही, आबूरोड, शिवगंज, पिण्डवाडा, जालोर समेत प्रदेश के कई निकायों में भाजपा पार्षद ही भाजपा बोर्ड के खिलाफ खडे हो गए हैं। सिरोही नगर परिषद में तो यह विवाद निरंतर गहराता जा रहा है और भाजपा पार्षद अपनी कथित दुर्गति से निरंतर हतोत्साहित होते जा रहे हैं।

हालिया मामला भाजपा पार्षद प्रवीण राठौड के वित्त और सफाई कमेटी से इस्तीफे को लेकर है। यह चर्चा है कि समितियों की अनदेखी से व्यथित होकर भाजपा पार्षद प्रवीण राठौड ने सफाई और वित्त कमेटी के सदस्य पद से इस्तीफा दिया, जिसे करीब दो महीने बाद एकाएक नगर परिषद आयुक्त ने स्वीकार करके उन्हें इसकी सूचना भेज दी।

कथित रूप से इस इस्तीफे को बोर्ड के समक्ष रखे बिना ही इसे स्वीकृत करके भेजने को पार्षद नगर परिषद बोर्ड के अधिकारों का अतिक्रमण मान रहे हैं।
-यह है पूरा प्रकरण
नगर परिषद के वार्ड संख्या 24 के भाजपा पार्षद प्रवीण राठौड ने 21 अक्टूबर को नगर परिषद आयुक्त को एक पत्र दिया था। इसमें उन्होंने लिखा था कि सफाई व्यवस्था सुचारू नहीं होने से वह सफाई समिति और वित्त समिति के निर्णयों की पालना नहीं किए जाने व प्रोसिडिंग की प्रतिलिपि नहीं मुहैया करवाए जाने के कारण वह वित्त समिति के सदस्य पद से इस्तीफा दे रहे हैं।

नगर परिषद आयुक्त ने 2 दिसम्बर को प्रवीण राठौड के दोनों समितियों के इस्तीफे को स्वीकृत करते लिए। इस संबंध में भाजपा पार्षदों समेत सफाई समिति और वित्त समिति के अध्यक्षों ने इस निर्णय को बोर्ड में नहीं रखते हुए आयुक्त के माध्यम से स्वयं ही स्वीकृत करने को लेकर इसकी वैधानिकता पर सवाल उठाए हैं।
-यह कहना है विधिक सलाहकारों का
नगर परिषद में विधिक सलाहकार के पद पर रह चुके एडवोकेट राजेन्द्र पुरी ने बताया कि समितियों के सदस्यों की नियुक्ति बोर्ड में लिए गए प्रस्तावों के माध्यम से राज्य सरकार की ओर से की जाती है, ऐसे में सदस्यों के इस्तीफे की मंजूरी भी बोर्ड की स्वीकृति के बाद राज्य सरकार की मंजूरी से किया जाना चाहिए।

यदि यह प्रकिया अपनाए बिना ही आयुक्त ने समिति सदस्य से इस्तीफा मंजूर कर लिया है तो यह विधिक रूप से सही नहीं है। वहीं वर्तमान विधिक सलाहकार अशोक पुरोहित ने बताया कि समिति के सदस्यों की नियुक्ति बोर्ड के माध्यम से होती है और उसके इस्तीफे की स्वीकृति भी बोर्ड के माध्यम से ही की जा सकती है।

लेकिन, कई बार ऐसा होता है कि बोर्ड शुरू में ही प्रक्रियागत समय को बचाने के लिए कुछ अधिकार प्रस्ताव लेकर आयुक्त को दे देते हैं। यदि बोर्ड ने समिति सदस्यों के इस्तीफे को मंजूर किए जाने का अधिकार प्रस्ताव लेकर पहले ही आयुक्त को दिया हुआ होता है तो आयुक्त अपने स्तर पर बोर्ड के कार्यकाल के दौरान या प्रस्ताव के रहने तक इस्तीफे को इस प्रस्ताव के आधार पर मंजूर कर सकता है।
-इनका कहना है…
मुझे सफाई समिति के सदस्य प्रवीण राठौड की ओर से इस्तीफा दिए जाने को लेकर कोई सूचना पूर्व में नहीं दी गई। बोर्ड की बैठक में भी सफाई समिति के सदस्य का इस्तीफा देने को लेकर कोई चर्चा और प्रस्ताव नहीं रखा गया था।
धनपतसिंह राठौड
अध्यक्ष सफाई समिति, नगर परिषद, सिरोही।
वित्त समिति के सदस्य भी थे, राठौड। उनके इस्तीफे दिए जाने की सूचना वित्त समिति को नहीं दी गई और न ही ऐसा कोई प्रस्ताव अक्टूबर के बाद किसी बैठक में रखा गया। हमने वर्तमान बोर्ड में आयुक्तों को समिति सदस्यों के इस्तीफे स्वीकार करने का कोई अधिकार देने का प्रस्ताव नहीं लिया है।
शंकरसिंह
अध्यक्ष, वित्त समिति
नगर परिषद, सिरोही।