लखनऊ। सूबे में विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में अमर सिंह की सक्रियता उनके ही दल के कई नेताओं को रास नहीं आ रही है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जहां खुलकर अपने अंकल अमर सिंह के खिलाफ नाराजगी जाहिर चुके हैं। वहीं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल और वरिष्ठ नेता व प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री आज़म खां भी अमर सिंह को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।
आज़म ने रविवार को एक बार फिर अमर सिंह का नाम लिए बगैर उन पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने लोकभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में संतों की मौजूदगी में कहा कि घर का भेदी ही लंका ढहाता है। आज जो घर का भेदी बन गया ऐसा आशीर्वाद दीजिए या तो वह सुधर जाए या उससे छुटकारा मिल जाए।
यज्ञ करके उससे पीछा छुड़वाइए। उसके नाम व काम से डर लगता है। हमें काम वाला आदमी चाहिए दल्ला नहीं चाहिए। आज़म ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कभी उनके लिए भी खराब शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जिसने उन्हें बर्बाद करने की कोशिश की।
आज़म का अमर पर यह हमला इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि शनिवार को ही अमर सिंह ने यहां पहले प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की थी। उन्होंने मीडिया से गठबन्धन को लेकर कहा था कि गठबंधन बड़ा मामला है। नेताजी और सीएम अखिलेश के स्तर का मामला है।
मुख्यमंत्री से रिश्ते के सवाल पर अमर सिंह बोले कि वह बड़े व्यक्ति हैं, संभलकर बोलते हैं। हमारे नेता हैं। तलब करेंगे तो मिलूंगा, लेकिन अभी तक तलब नहीं किया है। अमर की यह भाषाशैली साफ-साफ मुख्यमंत्री अखिलेश के साथ उनके बदले हुए रिश्तों को परिभाषित कर रही थी।
वहीं मुलायम और शिवपाल से मुलाकात कर उन्होंने पार्टी में अपने विरोधियों को यह सन्देश देने की भी कोशिश की, कि अभी भी वह मुलायम के बेहद करीब हैं और चुनाव से पहले हर अहम मुद्दों पर उनकी राय ली जा रही है।
मुलायम पहले ही पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी को दरकिनार करते हुए अमर सिंह को राज्यसभा सांसद और पार्टी के संसदीय बोर्ड का सदस्य बना चुके हैं।
https://www.sabguru.com/sp-rift-resurfaces-akhilesh-yadav-sends-403-candidates-list-mulayam-singh-yadav/
https://www.sabguru.com/mulayam-singh-yadav-appoints-gayatri-prajapati-sp-national-secretary/