नई दिल्ली। अगस्ता वेस्टलैंड मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी को दो लाख रुपए के निजी मुचलके पर सोमवार को कोर्ट से जमानत मिल गई है।
लेकिन इसके साथ ही कोर्ट ने त्यागी को दिल्ली-एनसीआर छोड़कर नहीं जाने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ ना करने का आदेश दिया है।
इस मामले में संजीव त्यागी और गौतम खेतान की जमानत याचिका पर कोर्ट 4 जनवरी को फैसला सुनाएगी, तब तक उनकी न्यायिक हिरासत जारी रहेगी। इससेे पहले कोर्ट ने शुक्रवार को त्यागी की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इसके पहले सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि ये मामला अभी प्री-चार्ज स्टेज में है। अभी जांच का अहम दौर चल रहा है। इस पर कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि जांच में कितना समय लगेगा? सीबीआई ने जवाब दिया था कि वे कोई निश्चित समय सीमा नहीं बता सकते। लेकिन साठ से नब्बे दिनों में आरोप पत्र दाखिल कर देंगे।
त्यागी के वकील ने कहा था कि सीबीआई न कोई आरोप बता रही है और न ही दिखा रही है। अगर हम अपने को निर्दोष साबित करेंगे तो सीबीआई कहेगी कि जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। पिछले चार साल में सीबीआई रिश्वत का कोई सबूत नहीं दे पाई है।
त्यागी के वकील ने उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत की मांग की। जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान 21 दिसम्बर को त्यागी के वकील ने पटियाला हाउस कोर्ट में कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई की तरफ से मांगे गए सभी साक्ष्य उन्हें सौंप दिए गए हैं।
त्यागी ने अपनी संपत्ति, बैंक खातों और अपने विदेश दौरों की पूरी जानकारी दे दी है। इससे पहले 17 दिसंबर को त्यागी समेत तीनों आरोपियों को कोर्ट ने तीस दिसंबर तक जेल भेज दिया था। त्यागी के खिलाफ ब्रिटेन की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में 450 करोड़ रुपए घूस लेने का आरोप है।
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि अगस्ता डील में रिश्वत ली गई थी। अगस्ता ने हमेशा ही दलालों के जरिये डील करने की कोशिश की।
अगस्ता से डील करते समय डेमो के लिए हेलीकॉप्टर तैयार भी नहीं था। त्यागी के कार्यकाल के दौरान उनके परिवार द्वारा काफी कृषि भूमि खरीदी गई जिसकी जांच जरूरी है।