भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद की बैठक संपन्न हुई, जिसमें राज्य के हित में कई अहम निर्णय लिए गए।
बैठक में लिए निर्णयों में सबसे अहम है, राज्य कर्मचारियों के सात प्रतिशत महंगाई भत्ते और इंदौर-भोपाल में मेट्रो रेल परियोजना को मंजूरी देना।
राजधानी भोपाल स्थित मंत्रालय हुई बैठक में मंत्रि-परिषद द्वारा शासकीय सेवकों को सात प्रतिशत महंगाई भत्ते के भुगतान की स्वीकृति दी गई।
शासकीय सेवकों के साथ ही पेंशनर्स, पंचायत राज संस्थाओं और स्थानीय निकायों में नियोजित अध्यापक संवर्ग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पंचायत सचिवों को देय महंगाई भत्ते/राहत की दर में एक जुलाई 2016 से सात प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
महंगाई भत्ते की वृद्धि का नगद भुगतान दिसम्बर 2016 से किया जाएगा। मंत्रि-परिषद ने भोपाल और इंदौर नगर में मेट्रो परियोजना के अमल के लिए डीपीआर का अनुमोदन किया।
मेट्रो रेल परियोजनाओं से संबंधित निविदाओं के अनुमोदन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में साधिकार समिति गठित की जाएगी। भोपाल मेट्रो परियोजना के प्रथम चरण में करोंद से एम्स 14.99 किलोमीटर और भदभदा से रत्नागिरी तिराहा तक 12.88 किलोमीटर का काम होगा।
इसके साथ ही इंदौर में राजवाड़ा-नैनोद 31.55 किलोमीटर का क्रियान्वयन किया जाएगा। परियोजना से संबंधित अन्य आवश्यक कार्रवाई तेजी से की जाएगी। परियोजना का फायनेंशियल पेटर्न 20:20:60 है। इसमें भारत और राज्य सरकार प्रत्येक का 2897.10 करोड़ रुपए का अंशदान है।
साथ ही मल्टीलेटरल/बायलेटरल फंडिंग एजेन्सी से 8691.35 करोड़ रुपये ऋण के माध्यम से लोन/ग्रांट प्राप्त की जाएगी। यह राशि दोनों परियोजना के लिए कुल 14485.55 करोड़ है। मंत्रि-परिषद ने 497 दैनिक वेतनभोगी पात्र श्रमिकों को वनरक्षक के रिक्त पदों पर नियुक्त करने संबंधी मंजूरी दी है।
वन विभाग के वर्ष 2008 का दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों की वनरक्षक भर्ती परीक्षा के आधार पर बनाई गई प्रतीक्षा-सूची के मेरिट क्रमानुसार उच्चतम एवं उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के पालन में यह निर्णय लिया गया।
मंत्रि-परिषद ने कार्यशील पूंजी की व्यवस्था के लिए तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा पॉवर फायनेंस कार्पोरेशन से प्राप्त कुल तीन हजार करोड़ रुपये के मध्यम अवधि ऋण के लिए राज्य सरकार की गारंटी देने का निर्णय लिया। इसमें प्रत्येक वितरण कंपनी के लिये 1000 करोड़ रुपये निर्धारित हैं।
ऋण की गारंटी के लिए वितरण कंपनियों द्वारा राज्य शासन को 0.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से गारंटी शुल्क का भुगतान किया जाएगा। मंत्रि-परिषद ने नगर-निगम भोपाल को पेयजल योजना से संबंधित हड़को से स्वीकृत ऋण राशि रु. 336.93 करोड़ की स्वीकृति वर्ष 2013 में दी थी।
इसमें राशि रु. 30.37 करोड़ भोपाल पेयजल योजना और अन्य मद में राशि रुपए 306.56 करोड़ स्वीकृत थे। निगम द्वारा अन्य मद में राशि 223.97 करोड़ का ऋण हड़को से प्राप्त कर लिया गया है।
इस राशि में से 82.59 करोड़ शेष होने और इस शेष राशि से 74.01 करोड़ जो नगर-निगम द्वारा ऋण नहीं लिया गया और पूर्व में योजना के लिए स्वीकृत राशि रु. 30.37 करोड़ मिलाकर कुल 104.38 करोड़ रुपए की पुनरीक्षित स्वीकृति दी गई है।
मंत्रि-परिषद ने सागर जिले में पंचम नगर सिंचाई कॉम्पलेक्स के लिए रुपये 674.90 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी। इस योजना से 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। मंत्रि-परिषद ने मुरैना-सबलगढ़ मार्ग के लिए 149 करोड़ 99 लाख रुपए की स्वीकृति दी है।
इस राशि से 71.864 किलोमीटर लम्बाई के मार्ग को ईपीसी योजना में विकसित किया जाएगा। साथ ही शहडोल-सिंहपुर-तुलरा-पड़रिया मार्ग एसएच-9 छत्तीसगढ़ सीमा तक के मार्ग के लिए 119 करोड़ 76 लाख 25 हजार रुपये की मंजूरी दी गई। इस राशि से 119.10 किलोमीटर लम्बाई का मार्ग बनेगा।
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